Middle East Mai Hi Prophets Kyun Aaye? | Dr. ‏Mufti Yasir Nadeem al Wajidi

Aksar log yeh sawal uthate hain: “Agar Allah sab logon ke liye hidayat bhejna chahta tha, to phir sab paighambar sirf Middle East mein hi kyun aaye? Kya India, China, Russia, America jese mumalik Allah ki rehmat se mehroom rahe?”

Yeh sawal na sirf ek zahiri confusion ka nateeja hai, balki iske peeche kuch logical fallacies bhi chhupee hoti hain. Is article mein hum in baaton ka tanqeedi jaiza lenge, clear karenge ke yeh objection asal mein kis qadar misunderstanding aur assumptions par mabni hai, aur Islam ka stance kitna balanced, inclusive aur aqal pasand hai.




Transcript: (00:00) आपका सवाल यही था जो सवाल आपने किया आप उसी पर रहिए सवाल बदलिए मत आपने सवाल किया कि सारे प्रॉफिट्स मिडिल ईस्ट में आए हैं अगर यही आपका सवाल होता टीचिंग का तो बताइए कि मिडिल ईस्ट में जितने प्रॉफिट्स आए क्या सबकी टीचिंग अभी सेफ है हम तो मानते हैं कि किसी भी किसी की भी टीचिंग महफूज नहीं है सिवाय रसूल अकरम सल्लल्लाहु वसल्लम की तालीमाबाद लीमा जो है वो ू की तू बाकी नहीं रही है सिर्फ तालीम बाकी रही है किसकी रसूल अरम स सलम की इसीलिए हम ईसाइयत को गलत मानते हैं इसीलिए हम यहूदी को गलत मानते हैं सर मतलब इधर के एरिया में तो

(00:42) नबियों के नाम वगैरे दिखते हैं और इधर का जो एरिया है वहां प्रेट का कोई ही नहीं दिखता मुझे बताइए कि अमेरिका के ताल्लुक से किसी नबी का कोई जिक्र है नहीं है लेकिन ऐसा नहीं है कि अमेरिका में कोई आया होगा लेकिन इंडिया के ताल्लुक से नबी का जिक्र है हजरत आदम का जिक्र है आप उसको क्यों नहीं लीम कर रहे अभिषेक हेलो गुड गुड इवनिंग मुफती साहब जी हां गुड इवनिंग मुफती साहब मैं थोड़ा मतलब लस्ट जो मेजर रिलीज है वो मतलब देख रहा था तो उसम मेरे को जो वन गड के कांसेप्ट वाले जो रिलीजन है वो थोड़ा पावरफुल लगते हैं तो उसम जैसे इस्लाम है आपका जडम हैम है तो इसम को एक

(01:30) इशू ये दिख रहा था कि इस्लाम के दो टीचिंग जो है वो एक दूसरे से कांट्रडिक्ट करते हैं उसम जैसे आप बताऊ की इस्लाम यह बोलता है कि खुदा ने हर हर दुनिया के एरिया में या हर हर कम में उसका एक प्रॉफिट भेजा है यह है इस्लाम की टीचिंग ठीक और दूसरी जगह यह बोलता है खुदा की जो खुदा शिर्क के अलावा मतलब खुदा के अंदर किसी को कंपेयर कर रहा है उसका पार्टनर बना रहा है तो वो गुनाह जो करेगा उसके अलावा बाकी कोई कुछ भी करे चोरी करे या किसी का कत्ल करे पॉसिबली है कि उसको माफ कर देगा वो पर शिर्क को माफ नहीं करेगा तो एक तो मतलब अगर हम हम लोगों को देखे तो हम तक तो कोई

(02:22) प्रॉफिट आया नहीं और या दुनिया के बहुत सारे रीजन है जहां प प्रोफिट आया नहीं मतलब जितने भी प्रोफेट मोस्ट ऑफ मिडल ईस्ट में है मतलब चाहे वो जीसस हो या मोसेस हो अब्राहम या जितने भी है मतलब जॉन जितने भी है सब मिडल के लोगों में मतलब वो टाइप की धारणा दिखती है तो ये एक दूसरे से कांट्रडिक्ट नहीं कर रहा क्या मुती साब इसमें कांट्रडिक्शन कैसे हुआ पहले तो खैर मैं इस पर बात करने से पहले आपसे मैं यह पूछना चाहूंगा के आपने कहा कि जो रिलीजन है वो आपको ज्यादा मूत लगते हैं आप खुद के खिलाफ है पहले तो इस पर बात कर प गलत दिखता है प गलत आप मूर्ति पूजा

(03:15) नहीं करते हैं आपने कर दिया ना मूर्ति पूजा नहीं करता ठीक ठीक है अच्छा जीन मूर्ति पूजा छोड़ दी आपने छोड़ दिया हिंदू मतलब उसको कोई ऐसा पर्टिकुलर रिलीजन नहीं समझता हूं ये अला बत सारे थ है सनातन धर्म धर्म जिसको कहते हैं आपने वो छोड़ दिया छोड़ दिया की जगह यह बोलेंगे की सनातन भी मैंने ज तक सुना है सनातन य धर्म नहीं है यह मतलब एक जो मराठी में मतलब मराठी ह उसम विशेषण बोलते है वि मतलब एडजेक्टिव है ना वो है व ये ऐसा कोई रिलीजन तो नहीं मिलता मेरे पेरेंट्स जो है वोलो मतलब सनातन या हिंदू धर्म बोलेंगे वो फॉलो कर चले ठीक अभी एट दिस मोमेंट अगर आपको मनोथी

(04:12) जम एक मजबूत नजरिया लग रहा है तो क्या आप एक क्रिएटर को मानते हैं हा क्रिएटर को मानता हूं मैं एक एक क्रिएटर मतलब उसका मतलब एक क्रिएटर की जग ये बोलेगी बहुत सारे रिलीजन बहुत सारे यूज रखते है जैसे क्रिश्चियनिटी रखता है और इस्लाम रखता है जूम रखता है तो उसम इस्लाम का और थोड़ जुदाइ जम का जो बताते हैं कि वन गड है कोई मतलब उसका इमेजिन करना मतलब इमेजिनेशन के बंड है यह थोड़ा मजबूत लगता है ठीक तो आपको मजबूत लग रहा है और आपने अभी मानना शुरू नहीं किया है ठीक है आपका पहला पॉइंट तो यह है पॉइंट नंबर टू आप ये कह रहे हैं कि इंडिया में

(04:56) कोई नबी नहीं आया मेरे सामने एक रेशन है और वो नरेशन एक हमारे यहां हदीस की किताब है उसका नाम है मुसन अब्दुल रज्जाक उसमें हजरत हजरत अली रज अल्लाह का यह कौल है के दो दो दो वादियां दो वैलीज जो है वह सबसे बेहतर वैलीज है पहली वैली जो है वह तो मक्का है जहां हम लोग इबादत के लिए जाते हैं व हमारा किबला है और दूसरी बात उन्होंने कही व वादन फिल हिंद और एक वैली है इंडिया में कि जहां आदम अली सला सलाम आए तो भैया हमारे यहां जो प्रॉफिट्स की ट्री है ट्री है उसमें जो पहले प्रॉफिट है वही इंडिया में आए हैं अब आप यह कैसे कह सकते हैं कि सारे प्रॉफिट जो है व मिडिल

(05:42) ईस्ट में आ गए पहले ही इंडिया में है आप म्यूट पर है यह तो आपका क्लेम हो गया सर क्लेम नहीं है मैंने आपको रिवायत बयान कर दी आपको रेफरेंस दे दिया मैंने मुसन अब्दुल रज्जाक का मेरा मतलब मेरा बोलने का मतलब यह है सर कि उनके जो टीचिंग जो है वो हम तक नहीं आए आपने सवाल चेंज कर दिया आपने कहा नबी नहीं आए तो उसका जवाब दे दिया कि नबी आए हैं और मैं ये भी बता दूं कि बहुत आना या आने इसका म आपका सवाल यही था जो सवाल आपने किया आप उसी पर रहिए सवाल बदलिए मत आपने सवाल किया कि सारे प्रॉफिट्स मिडिल ईस्ट में आए हैं अगर यही आपका सवाल होता टीचिंग का तो बताइए कि

(06:32) मिडिल ईस्ट में जितने प्रॉफिट्स आए क्या सबकी टीचिंग अभी सेफ है हम तो मानते हैं कि किसी भी किसी की भी टीचिंग महफूज नहीं है सिवाय रसूल अकरम सल्ला वसल्लम की तालीमाबाद रही है किसकी रसूल अकरम स सलम की इसीलिए हम ईसाइयत को गलत मानते हैं इसीलिए हम यहूद को गलत मानते हैं तो आपने बात की प्रॉफिट्स आने की उसका मैंने रेफरेंस दे दिया प्लस इंडियन हिस्टोरियंस इस बात के जो अ यानी बहुत सारे हिस्टोरियंस ऐसे हैं जो मुसलमानों में वो यह साबित करते हैं कि अयोध्या में हजरत शीस अली सलातो सलाम का मजार है हालांकि हम उसको 100% उसकी उसको वेरीफाई नहीं कर सकते

(07:19) उसके लिए उसका कोई तरीका हमारे पास नहीं है लेकिन बहरहाल ये एक हिस्टोरिकल अ एक समझ लीजिए कि क्लेम है हजरत हजरत शीस अल सलातो वसलाम कौन है हजरत आदम के पौते हैं तो भाई अच्छा एक चीज और मैं बता दूं आपको य भी क्लेम ही के दर्जे में है मैं एक समझ लीजिए कि कोई 10 साल पहले गया मेरा सफर हुआ तमिलनाड का तो तमिलनाड में जहां से वह रास्ता जिसको आप लोग राम सेतु बोलते हैं और मुसलमान उसको बिरजा आदम बोलते हैं तो वहां पर जो मेरा जाना हुआ वहां पर दो कबर हैं बड़ी लंबी लंबी कबर हैं वो 6060 गस की तो अब यह नहीं पता कि कौन उसके अंदर है

(07:58) लेकिन बहरहाल लोगों से पूछा भाई किसकी कबर है एक ने कहा ये हबील की हैय दूसरी कबर काबील की है तो जिसने मुझे बताया मैंने उससे मजाक पूछा कि भाई कातिल और मकतूल दोनों एक ही जगह दफन है ये क्या बात हुई है कि कहीं और होता दूसरा कहीं और होता लेकिन पॉइंट यह है कि इंडिया की हिस्ट्री में हजरत आदम अली सलातो सलाम का नाजिल होना यह हमारे यहां हदीस की किताबों में मिलता है लिहाजा आपका यह सवाल तो गया खत्म अब रही ये बात कि तालीम किसकी महफूज है भाई तालीम अगर महफूज नहीं थी इसलिए तो अगली नबी आए आपको अगर आपने यह मान लिया आप पॉइंट नंबर वन अगर आप यह मान रहे हैं कि

(08:31) जो कांसेप्ट ऑफ वननेस है वही स्ट्रांगेस्ट कांसेप्ट है यानी अल्लाह एक है आप अगर यह मान रहे हैं कि अल्लाह ने अंबिया भेजे हैं ठीक है यह भी आपने मान लिया अब तीसरा पॉइंट यह रह जाता है कि भाई तालीमाबाद को कबूल कर लीजिए आपके स्टैंडर्ड के तबार से जी सर मेरा मतलब उसम और स्पेसिफिक ये क्वेश्चन था कि जैसे प्रोफेट जीसस है या प्रोफेट अब्राहम है और प्रोफेट मोहम्मद है तो इनके टीचिंग का जो डोमिनेंस है वो मिडल ईस्ट में या उसका आसपास का जो एरिया है वहां प दिखता है पर अगर कोई नबी जो रशिया का रीजन है या चाइना का रीजन है या इधर अपना जापान इंडोनेशिया का ये जो रीजन है

(09:27) तो इसम अच्छा अच्छा प्रॉफिट जीसस का चलो थोड़ी देर के लिए मान लिया मैंने प्रॉफिट जीसस की सुन लीजिए प्रॉफिट जीसस की आपके तबार से मिडिल ईस्ट में आए यरूशलम में आए ठीक है यरूशलम मिडिल ईस्ट में है लेकिन उनकी टीचिंग का डोमिनेंस यरूशलम में ही नहीं है ठीक है यरूशलम में इस वक्त कौन है यहूदी पावर में है जो यहूदी हजरत ईसा को नहीं मानते हजरत ईसा को तो वो दज्जाल मानते हैंड न नहीं नहीं नहीं अब आप देखि अल्फाज ना बदले उनकी टीचिंग का डोमिनेंस सबसे ज्यादा कहां पर है यूरोप में और अमेरिका में अमेरिका प्रोटेस्टेंट है और जो यूरोप है वो उसका बड़ा हिस्सा कैथोलिक है साउथ

(10:07) अमेरिका में जहां हजरत ईसा सलाम कभी नहीं गए वहां सबसे ज्यादा कैथोलिक बसते हैं तो भाई हजरत ईसा आए कहां डोमिनेंस कहां है तो यह कौन सा आपका मयार हुआ सर मतलब इधर के एरिया में तो नबियों के नाम वगैरे दिखते हैं और इधर का जो है व प्रफ का कोई ही नहीं दिखता मुझे बताइए अमेरिका के तालुक से कि नबी का कोई जिक्र है नहीं है लेकिन ऐसा नहीं है कि मेरा कोई आया होगा लेकिन इंडिया के ताल्लुक से नबी का जिक्र है हजरत आदम का जिक्र है तो आप उसको क्यों नहीं तस्लीम कर रहे बट सर आपका इस्लाम तो बोल रहा है कि पूरे वर्ल्ड के हर एरिया में आए

(10:46) हैं मतलब कोना में आ ओ भाई रुक जाइए इस्लाम ने बिल्कुल बोला है कि दुनिया के हर कौम में अल्लाह ताला ने एक नबी भेजा है और हमारे यहां रिवाय तों के अंदर है कि इन अंबिया की तादाद 1 लाख के आसपास है कोई कहता है 124000 है वगैरह वगैरह वो लेकिन लाखों में है अब कुरान जो है वो तारीख की किताब नहीं है कि वो आपको जो है एकक नबी का नाम बताएगा यह कोई जो मुंसिपल के अंदर जो बच्चों का रिकॉर्ड रखा होता है यह वो किताब नहीं है कि उसमें एकक नबी का रिकॉर्ड आएगा कि जनाब ये फला तारीख में पैदा हुए फला इनके मां-बाप थे सिर्फ ये एक उसूल तौर पर बात बता दी गई कि जहां-जहां

(11:22) भी अलग-अलग कौम हैं वहां वहां अल्लाह ने नबी भेजे हैं इतने नबी हैं उनमें से कुछ अंबिया के नाम और रसूलों के नाम कुरान करीम के अंदर आ गए मिसाल के तौर पर बस इससे यह साबित नहीं होता कि रशिया में नबी नहीं आए थे चाइना में नबी नहीं आए थे इंडोनेशिया में नबी नहीं आए थे इससे यह साबित हरगिज नहीं होता किसी चीज का जिक्र ना करना इस बात की दलील नहीं है कि वह चीज मौजूद नहीं थी हजरत जबरदस्त हो गया मैं एक बात कर सकता हूं अभिषेक भाई अभिषेक भाई माइक खोलिए जरा हां अभिषेक भाई प्रोफेट या नबी क्या समझते हैं जब आप यह शब्द बोल रहे हैं तो आप क्या

(12:00) समझते हैं इससे वो मैं यह समझता हूं कि कोई खुदा का दूत है और वो मोर लोग सिन नहीं करते गुना नहीं करते वो लोग हमें आके बता रहे हैं कि ऐसी जिंदगी हमें गुजारनी है इस तरह से हमें जिंदगी ऐसे गुजारनी है यानी रोल मॉडल होते हैं और ईश्वर से वो ज्ञान लेते हैं काइंड ऑफ आइडियल हा यानी ईश्वर से वो ज्ञान लेते हैं ईश्वर के दूत ईश्वर के दूत होते हैं या ईश्वर ईश्वर के दूत होते हैं ऐसे ही है ट राइट ठीक है यानी ईश्वर जो चीज मनुष्य को निषेध करना या विद करना चाहता है या जो धर्म का लक्षण या धर्म का जो सारा मामला है उसको करना चाहता है वो अपने दूत के

(12:55) द्वारा करता है ऐसे ही है प्रोफेट उसको कहेंगे ये समझे आप ये आपने जो सेकंड पॉइंट बोला वो नहीं समझ पाया क्या न यू प्लीज मैं ये कहना चाह रहा हूं कि ईश्वर का दूत मानो ईश्वर जो चीज मनुष्य को बताना चाहता है अपने दूत के द्वारा बताता है यही कह रहे ना प्रॉफिट ऐसे ही होंगे ना आप ये समझ रहे हैं मतलब खुदा जो लोगों से करते हैं या वो चाहते हैं कि ये लोग ये करे तो उनके ू पहुंचाते ये बोलना चाह रहे हा यानी मैं आपसे य कह रहा हूं कि आप प्रॉफिट एस प्रॉफिट जब आप बोल रहे हैं नबी बोल रहे हैं तो यही समझ रहे हैं ना यही है हाट आपका इला इसम जो बताते प्रॉफिट का का को

(13:41) पता है तो मैं वही समझ रहा वही समझ रहे ठीक है वेद जो है यह कैसे आए थे सनातन में सनातन को मैंने उतना डीप इसलिए स्टडी नहीं किया है मैंने आपको जो स्टार्टिंग में बताया मतलब जैसा एक इलाम लं चला जाएगा समझ गया लं समझ गया माइक सही है कपन वो आपको बताते हैं ना क्यों आपने नहीं डीप पढ़ा य गलती है इसी से यह गलती जन्म ले रही है यह जो आपको इस्लाम का प्रफ का कांसेप्ट म्यूट कीजिएगा मुझे थोड़ा बोलने दे मेरा भाई क्योंकि आपसे मैंने पूछा है या तो आप बता दे आपने कहा मैंने डीप पढा कोई नहीं तो फिर सुन थोड़ भाई ठीक है डीप नहीं पढ़ने का न आपको

(14:27) बताता मिनट भाई रीजन छोड़ देना नहीं प रीजन मैंने क्या करनी है मैंने क्या करनी है रीजन म्यूट कर लेरा मुझे क्यों रीजन देनी है मैंने तो मसला समझाना है मुझे क्या जरूरत पड़ी है कि आपने क्यों नहीं पढ़ा पढ़ ले अब जाकर पढ़ लीजिएगा मेरा क्या लेना देना पढ़ा है या नहीं पढ़ा पढ़ा होता तो उसका उसका उत्तर देते जो प्रश्न मैंने पूछा था मेरा असल विषय यह था वो तो नहीं हुआ वापस आ जाए शतपथ ब्राह्मण के अनुसार और उपनिषद के अनुसार चार बड़े ऋषि थे जिन पर वेद का प्रकाश किया गया था ईश्वर की तरफ से यानी उनके मन में वेद डाले गए थे ईश्वर

(15:06) के द्वारा यह सिंपल कांसेप्ट है सनातन धर्म में अग्नि वायु अंगराज और आदित्य यह चार थे क्या किया गया था इनके साथ वेद का प्रकाश ईश्वर ने इन पर डाला था मानो जैसे ईश्वर के दूत थे और ईश्वर के व चार दूत थे जिन्होंने मुख्तलिफ समय पर जाकर फिर मनुष्य को बताया कि वेद में क्या लिखा है बस इसी को प्रॉफिट हुड कहते हैं अब मुझे बताओ जब प्रोफेट हुड का अर्थ समझ आ गया कि जो ईश्वर का दूत हो और ईश्वर ज्ञान का प्रकाश उन पर डाले विद्या का प्रकाश उन पर डाले और वो जाकर लोगों को बताए तो भला बताओ सनातन हिंदुस्तान के अंदर कितने लोग आए हैं जिन्होंने ये क्लेम किया किया कि

(15:52) नहीं किया श्री राम ये कहते रहे हैं श्री कृष्णा ये कहते रहे हैं कितने ब्रह्मा ऋषि हुए हैं जो यह बात करते रहे हैं और वेद में भी लिखा है कि ऐसा हुआ है ऋग्वेद में लिखा हुआ है मंडल एक के अंदर तो फर्क यह समझना है हुआ यह मैं इब्ने हजम की मुताले के ऊपर भी बड़ा रश करता हूं इब्ने हजम अल अलसी अ मिलल नहल की पहली जिल्द में व बात करते हैं के जो ब्राह्मण है उनके हां नबूवत का प्रोफेटहुड का कांसेप्ट कैसे करप्ट हुआ हुआ ये क्योंकि आप मूर्ति पूजा नहीं करते तो आपको यह बात समझ आएगी हुआ यह कि जो लोग ईश्वर के दूत थे यानी कि उसके प्रॉफिट थे यानी कि उसके

(16:34) मैसेंजर थे उन लोगों के बारे में अवतार की टर्म करप्ट कर दी गई वो जो लोग प्रॉफिट थे उन लोगों को माना गया कि ईश्वर स्वयं खुद जन्म लेकर अवतार की शक्ल में आ गया जबक वो प्रॉफिट थे सब बड़ी यही एटली क्रिश्चियनिटी में हुआ एटली मैं यही कहने लगा था मेरे मुख की बात च मकसद कहने का यह है कि इसकी सबसे करंट और एविडेंस मिसाल अभी दुनिया केर कोई दी जा सकती है ना पूरी दुनिया में बड़ी वो है जीसस क्राइस्ट यानी अब्राहम रिलीजन के अंदर की जो प्रोफेट ड को मानते हैं उनकी मिसाल कह रहा हूं उन्होंने एक प्रॉफिट को बैठे बिठाए सन ऑफ गॉड बना दिया और कहा जी यह प्रॉफिट नहीं

(17:13) थे नबी नहीं थे बल्कि यह खुदा के बेटे थे इबन उल्ला बना दिया यह इतनी बड़ी दलील है आज के दौर में समझने के लिए कि हिंदुस्तान में कैसे प्रोफिट हुड का कांसेप्ट करप्ट हुआ होगा अभिषेक के लिए और इस जैसे कई सनातनी हों के लिए प्रॉफिट हुड के काप को समझना इसलिए भी मुश्किल हो गया है कि वह कांसेप्ट इनके हा जाकर करप्ट हो गया इनके हा य माना मुश्किल हो गया करना चाहूंगा कि मैं नहीं समझता अभी तक जो गुफ्तगू हुई है अभिषेक साहब से मुझे नहीं लगता कि उनको प्रॉफिट हुड के कांसेप्ट पर तराज है एम आई करेक्ट अभिषेक त मि अभिषेक भात जन्म ले रहा है ना हिंदुस्तान में कौन

(17:56) आया कैसे आया उसकी ज लेने की वजह ये है कि वो ये समझ नहीं पा रहे कि श्री कृष्णा या श्री राम या इस तरह के जो ब्रह्मा ऋषि गुजरे हैं वो प्रॉफिट ही के इक्विवेलेंट वहां पर आए हैं ठीक अगर मानना है आपको तो सही है तो अभिषेक भाई चूंकि आप कांसेप्ट ऑफ प्रॉफिट हुड को मानते हैं कि खुदा ने प्रॉफिट्स भेजे हैं अब आपका ले देकर एक ऑब्जेक्शन बता बना बचा था कि भाई इंडिया के अंदर कौन आया उसका जवाब हो गया और बहुत सारे ऐसे नाम निकल कर आ गए कि जिन्होंने क्लेम किया है कि खुदा ने उनको इंस्पायर किया है और खुदा से जिनको इंस्पिरेशन मिलती है उन्हीं को नबी कहा जाता है हम यह

(18:30) नहीं कह रहे हैं कि वह नबी थे लेकिन हम यह कह रहे हैं कि ऐसे बहुत से फिगर्स हैं कि जिन्होंने यह क्लेम किया है कि उनको खुदा से इंस्पिरेशन मिली और लोगों ने उनको खुदा का अवतार समझ लिया तो इसका मतलब यह हुआ कि इंडिया के कांटेक्ट में हमें कुछ नाम पता है और जिनमें हजरत आदम अली सलातो सलाम का जो नाम है वह इस्लामिक लिटरेचर वेरीफाई करता है तो अब आपका यह वाला जो ऑब्जेक्शन है वह खत्म हो जाना चाहिए दैट इज द पॉइंट हजरत ये एक ऋगवेद का का मैं मंत्र पेश करना चाह रहा हूं आपकी स्क्रीन पर ऋग्वेद मंडल एक सुक्त 31 है और मंत्र है एक इसमें

(19:03) लिखा है जो ईश्वर की आज्ञा पालन धर्म यानी पवित्र लोग होते हैं धार्मिक लोग हैं और विद्वानों के संग के सिवाय और कुछ काम नहीं करते यानी हमेशा नेकी के काम अच्छे कामों में लगे रहते हैं तो उनकी परमेश्वर के साथ मित्रता होती है वो परमेश्वर के वली बन जाते हैं मित्र ब दोस्त बन जाते हैं फिर उस मित्रता से उनके उनके आत्मा में सत विद्या का प्रकाश होता है यानी उनकी आत्मा में प्रकाश होता है विद्या का जैसे मैंने जिक्र किया कि दूत कैसे होते हैं तो प्रकाश होता है और वो विद्वान होकर उत्तम काम का अनुष्ठान करके सब प्राणियों के सुख करने के लिए प्रसिद्ध होते हैं

(19:48) यानी वह तमाम लोगों की इंसानियत के काम करने के काम अब ये जो वेद में जो नकशा खींचा गया है हमारे नजदीक इसको प्रॉफिट हुड का तसव्वुर आप समझ ले कि ये जी ठीक है तो चले जी अभिषेक साहब आपके एक ऑब्जेक्शन पर बात हो गई है दूसरा ऑब्जेक्शन पर किसी और बात करेंगे ठीक हैब

Key Takeaways:

  • Prophets duniya ke har region mein bheje gaye – sirf naam Qur’an mein mention nahi hue.
  • Quran ek guidance ki kitaab hai, geography ka encyclopaedia nahi.
  • Prophethood ka concept Hinduism aur Vedik texts mein bhi mojud hai – bas uska expression different hai.
  • Taalimat ka mehfooz na rehna aur prophets ka na aana – dono alag cheezen hain.
  • Yeh objection ek “Argument from Silence” fallacy par mabni hai.

Kya Qur’an ke mutabiq sirf Middle East mein hi Nabi aaye?

Islam ki bunyadi taleem yeh hai ke har qaum ke paas Allah ne hidayat bhejne ke liye paighambar zaroor bheja.

“Aur har qaum mein humne ek paighambar bheja.” (Surah Nahl: 36)

Is ayat ka matlab ye hua ke duniya ke har konay mein, har language, har culture, har zamane ke logon ke paas Allah ka paigham kisi na kisi form mein zaroor pahuncha. Haan, Qur’an ne sirf chand nabiyon ke naam mention kiye hain – jinke aham lessons humanity ke liye relevant the.

Fallacy Alert: Argument from Silence

Yeh objection ke “agar Quran mein naam nahi hai to matlab wahan Nabi nahi aaya” ek logical fallacy hai jise Argument from Silence kehte hain. Yani kisi cheez ka zikr na hone ko uske na hone ki daleel samajhna. Yeh reasoning academic tor par ghalat hai.


India, China, America – Kya in sab jagah Prophets nahi aaye?

Aksar log confuse hote hain ke agar India ya Russia jese countries ka zikr Qur’an mein nahi, to shayad wahan koi nabi nahi aaya. Halanke Qur’an ka maqsad sab geography list karna nahi, balki sirf un nabiyon ko highlight karna hai jinke tazkire se aakhri paigham ko samajhne mein madad milti hai.

Kya India mein Nabi aaye?

Islamic riwayat ke mutabiq, Hazrat Adam (alayhis salam) ka nuzool Bharat ki sarzameen par hua. Yeh baat kuch ahadees aur Islamic historians ke hawalay se sabit ki gayi hai.

  • Musannaf Abdul Razzaq mein Hazrat Ali ka qoul hai ke do behtareen wadiyaan hain: ek Makkah aur doosri Hind.
  • Bahut se historians kehte hain ke Hazrat Shees (Adam ke potay) ka mazar Ayodhya mein hai.

Yani, paighambaron ki pehli silsila hi Bharat se shuru hoti hai.


Agar aane wale Prophets the, to unki taaleem qaim kyun nahi rahi?

Yeh sawal bhi uthta hai ke agar prophets har jagah aaye, to unki teachings qaim kyun nahi rahin?

Wazeh Jawab:

  • Allah ne har qaum ko hidayat di – magar un qaumon ne waqt ke saath us hidayat ko tabdeel ya faramosh kar diya.
  • Taalimat ki hifazat Allah ka wada sirf Muhammad ﷺ ke silsile mein hai – isse pehle sab hidayat limited scope aur time ke liye thi.
  • Jab bhi teachings distort hoti gayi, naye rasool bheje gaye – aur yeh silsila Muhammad ﷺ tak chalta raha.

To iska matlab yeh nahi ke jahan taaleem mehfooz nahi rahi wahan Nabi hi nahi aaya. Balke wahi reason hai ke naye anbiya bheje gaye.


Kya Hinduism mein bhi Prophethood ka concept hai?

Jee haan, Hindu texts mein aise shakhsiyaton ka zikr milta hai jo divine guidance ka source the:

  • Ved ke mutabiq agni, vayu, aditya, aur angiraas jese rishiyon par vidya ka prakash hua.
  • Inka role wahi tha jo ek nabi ka hota hai: “Eeshwar ka paigham logon tak pahunchaana”.

Yani agar hum Prophethood ko wider concept mein samjhein, to yeh tasawwur Hindu civilisation mein bhi paaya jata hai – lekin usay “avtaar” ya “rishi” keh diya gaya, jis se confusion paida hui.

Misal: Corruption of Concept

Bilkul waisa hi hua jaisa Christianity mein – jahan Jesus ko prophet ke bajaye “Son of God” bana diya gaya. Isi tarah, Hindustan mein bhi kuch asli paighambar (jo sirf paighambar the) ko “Bhagwan ka avtaar” samajh liya gaya.


Kya Prophethood ka “Domination” sirf Middle East mein hai?

Yeh bhi kaha jata hai ke Islam, Judaism, Christianity jese religions ka dominance Middle East se aaya – to phir wahi asal maani rakhtay hain?

Is pehle sochiye:

  • Hazrat Isa (Jesus) Palestine mein aaye, lekin unka paigham sabse zyada America, Europe, aur South America mein spread hua.
  • Prophet Muhammad ﷺ Middle East mein aaye, lekin aaj unka deen duniya ke har continent mein hai.
  • Islam Indonesia mein bhi dominant hai – jahan kabhi koi nabi nahi gaya physically (as per available data), lekin Islam sab se zyada logon ne yahin qubool kiya.

Is se sabit hota hai ke paigham ka dominance aur paighambar ka aana – ye dono alag concepts hain.


Qur’an Har Nabi ka Record Kyun Nahi Deta?

Islam yeh nahi kehta ke sirf 25 ya 30 Prophets aaye. Balki Qur’an khud kehta hai:

“Kayi paighambaron ka zikr humne kiya, kai ka nahi kiya.” (Surah Nisa: 164)

Yani jo log kehte hain ke agar kisi nabi ka zikr nahi to woh aaya hi nahi – woh Qur’an ki is ayat ka inkaar kar rahe hain.


Agar Nabi Har Qaum mein Aaye, to Unka Ilm Hum Tak Kyun Nahi Pahuncha?

Yeh sawal bhi genuine lag sakta hai, lekin jawab simple hai:

  • Allah ne sabko hidayat di – unki qaumein usko zinda rakhne mein kamiyab nahi hoin.
  • Har qaum ka test tha – jinhon ne taaleem mehfooz rakhi unko agla nabi nahi mila.
  • Jahan teachings khatam ho gayin, wahan naye paighamber bheje gaye.
  • Aur aakhir mein ek nabi aaya jiska paigham qayamat tak ke liye mehfooz rakha gaya – Muhammad ﷺ.

Conclusion

Yeh kehna ke saare paighambar sirf Middle East mein aaye, na sirf ghalat hai balki Quran ke usool ke khilaf bhi hai. Prophets duniya ke har region mein aaye – lekin unke naam aur unki taaleem waqt ke saath kho gayi. Islami narrative inclusive hai: har qaum ke liye hidayat thi, hai aur rahegi. Magar final hidayat Qur’an mein hai – jo universal hai, timeless hai, aur mehfooz hai.

Is wajah se agar kisi ko sachai tak pohanchna hai, to woh Qur’an ki taraf rujoo kare – jahan sirf ek kaum ke liye nahi, balki poori insaniyat ke liye paigham diya gaya hai.


FAQs

  • Q: Kya Qur’an mein kisi Indian Prophet ka naam aaya hai?
    A: Direct naam nahi aaya, lekin ahadees aur Islamic history se yeh sabit hai ke Hazrat Adam (AS) ka nuzool Hindustan mein hua tha.
  • Q: Agar sab jagah prophets aaye, to unka zikr kyun nahi milta?
    A: Qur’an historical encyclopaedia nahi – uska maqsad hidayat hai, har nabi ka detail record nahi.
  • Q: Kya Hindu Rishis ya Avataars bhi prophets the?
    A: Shayad unka asal manfi yahi tha – lekin waqt ke saath unko divine banakar “God ka avtaar” keh diya gaya, jise Islam reject karta hai.
  • Q: Agar teachings mehfooz nahi rahi, to us mein logon ka kya kasoor?
    A: Yeh har qaum ka test tha. Jis qaum ne hidayat ka lihaz rakha, unko agla paigham mila. Aaj Qur’an sab ke liye mehfooz tor par mojud hai.

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