Sochiye agar koi kahe: “Zindagi ka maqsad bas survival hai. Jitna zyada jiyo, utna behtar.” Aap kya sochenge? Kya insani aqal, fitrah aur jazbaat sirf zinda rehne ke liye design huay hain?
Mufti Yasir Nadeem al Wajidi ke ek zabardast debate me atheist ne yahi daawa kiya: “Life ka purpose sirf apne existence ko maintain karna hai” – yani survival hi sab kuch hai. Lekin jab is daaway ka logical post-mortem kiya gaya, to asal tasveer kuch aur hi nikli.
Is article me hum dekhenge ke:
- Survival aur purpose ka farq kya hai
- Atheist ki reasoning me kya contradictions thay
- Islam insani zindagi ke purpose ko kis andaaz me samjhata hai
Transcript: (00:00) ठीक तो आपके नजदीक जो है व अपने वजूद को बचाना एसिस्टेंसिया हो पाया इस परपस में आप है आप हो रहे हैं मैं तो भाई मर जाऊंगा यार किसी ना किसी दिन तो एेंस तो हमेशा कोश आपकी कोशिश है सर्वाइवल को बनाए रखना अपने एस्ट मतलब इली इवली अपनी कोशिश में नाकाम होगा मुझे यानी 100% पता है कि वुली मैं अपनी कोशिश में नाकाम हो जाऊ मल एक आदमी जो है वो 70 साल जिया एक 70 साल जिया ठीक है अच्छा जी जो 70 साल जिया वो हार्ट अटैक में गया बाकी उसको कोई मसला नहीं था जो 71 साल गया वो 10 साल कैंसर में रहा लेकिन जिसने 71 साल जो जिया वो एक साल ज्यादा जिया तोब इसमें
(00:45) कामयाब कौन है कामयाबी जैसा कुछ भी नहीं होता तो इसका मतलब यह है कि मकसद वो है आपके नजदीक कि जिसमें कोई भी कामयाब नहीं हो सकता मैंने मैंने अंग्रेजी बोला अंग्रेजी में बोला कि जो इंटेंडेड डेस्टिनेशन है आपका क्या आप वहां बगैर सफर के पहुच पहुंच सकते हैं अब हमारे साथ है मेबी साहब यह पहले पिछले हफ्ते भी आए थे साब इनसे डिस्कशन पिछले हफ्ते भी हुई थी देखते हैं आज यह क्या स्टैंड लेकर आए हैं जी जी साब कैसे हैं आप अच्छे हैं सर आप बताइए जी बढ़िया हूं मैं आज की जो हमारी स्ट्रीम है ना मेबी साहेब वो पर्पस ऑफ लाइफ पर है तो आपके अकॉर्डिंग जो है वह जिंदगी का
(01:22) क्या परपस है सर्वाइवल सर्वाइवल जो है वो आपके नजदीक अच्छा पिछली दफा भी आपने कहा ये सर्वाइवल से आगे बढ़ ही नहीं रहे तो मे भी साहब कितने लोगों ने जो है वो इसको अचीव किया है सर्वाइवल जब बोलते हैं तो क्या मतलब होता है उसका अपने एसिस्टेंसिया रखना यही सर्वाइवल है जैसे कि अपने एक्जिस्टेंस को बचाए रखना अपने एक्जिस्टेंस को बचाए रखना सुन नहीं पाएंगे सुनिए सुनि ऐसे बीच में बोलेंगे तो सुन नहीं पाएंगे समझ नहीं पाएंगे समझ नहीं पाएंगे तो जवाब नहीं दे पाएंगे है ना ठीक है ठीक है बोले आप कोई नहीं हां तो सर्वाइवल है पर्सनल की खुद की एक पर्सन की
(02:04) खुद की सर्वाइवल के अपनी एक्जिस्टेंस को मेंटेन करके रखना और उसके लिए उसको अपने आप की एक्जिस्टेंस को मेंटेन करते रखने के लिए उसको अपने आसपास के लोगों के साथ में कोऑर्डिनेशन करके रखना पड़ता है है ना उसी के आधार पर अ सोसाइटीज बिल्ड होती है और मोरालिटी भी बिल्ड होती है हम हम ठीक है तो आपके नजदीक जो है वो अपने वजूद को बचाना एसिस्टेंसिया हो पाया इस पर्पस में आप हैं आप हो रहे हैं मैं तो भाई मर जाऊंगा यार किसी ना किसी दिन तो मेरा एक्जिस्टेंस तो हमेशा के ही नहीं कोशिश आपकी कोशिश है सर्वाइवल को बनाए रखना अपने एक्जिस्टेंस मैं मतलब इवें
(02:53) इवेंचर में नाकाम होा मुझे यानी कि 100% पता है कि वेंचुरी मैं अपनी कोशिश में नाकाम हो जाऊंगा नाकाम हो जाऊगा मतलब मतलब मैं तो मर जाऊंगा ना एक ना एक दिन या 100 पर मुझे पता है कि मैं एक एक दिन मर जाऊंगा नहीं खम हो जाएगा एटली सर्वाइवल आता ही इसी वजह से है क्योंकि आपको पता है आप एक दिन मर जाओगे तो आप ज्यादा से ज्यादा जीना चाहते हो हा तो मतलब तो वही हुआ ना फेलियर है ना इवली तो मैं फेल हो रहा हूं ना नहीं सर्वाइवल फेलियर नहीं है मृत्यु फेर तो आप ये मत कए सर्वाइवल मकसद है आप य कहिए ज्यादा से ज्यादा जीने की कोशिश करना मकसद
(03:28) है ज्यादा से ज्यादा जीने की कोशिश करना सर्वाइवल है ज्यादा से ज्यादा जीने की कोशिश करना सर्वाइवल नहीं है यह तो आपने मकसद बताया ज्यादा से ज्यादा जीने की कोशिश करना मकसद है ये आप बोल रहे हैं हमें मैं आपके दावे को समझना चाह रहा हूं हां हां ठीक है ठीक वापस ढंग से बता देता हूं आपको ज्यादा से ज्यादा एक्जिस्टेंस बनाए रखने की कोशिश को सर्वाइवल कहा जाता है और यही मकसद है अच्छा तो अब इस मकसद के अंदर यानी कामयाबी का मेयार क्या है कितने साल कोई जीए ज्यादा से ज्यादा क्या उसका मेयार है मेयार मतलब उसका स्टैंडर्ड क्या है पैरामीटर
(04:08) क्या है नहीं मैं आपका शब्द मैं आपकी यह जो सवाल है मैं इसको समझ नहीं पा रहा हूं जरा एग्जांपल देके मसलन एक आदमी जो है वो 70 साल जिया एक 71 साल जिया ठीक है अच्छा जी जो 70 साल जिया वो हार्ट अटैक में गया बाकी उसको कोई मसला नहीं था जो 71 साल गया व 10 साल कैंसर में रहा लेकिन जिसने 71 साल जो जिया वो एक साल ज्यादा जिया तोब इसमें कामयाब कौन है कामयाबी जैसा कुछ भी नहीं होता तो इसका मतलब यह है कि मकसद वह है आपके नजदीक कि जिसमें कोई भी कामयाब नहीं हो सकता जब सर्वाइवल खत्म हो गया इंसान मर गया तो खत्म हो गया उसका मकसद सर्वाइवल
(04:51) भाई मैं वही कह रहा हूं ना कि ये मकसद मकसद आपका ऐसा है कि जिसमें कोई कामयाब नहीं हो सकता आप मान रहे हैं इसको तो देखो अगर आप एक्जिस्टेंस में हो हो तो आपका यही मकसद होगा इसके अलावा कुछ मकसद नहीं हो सकता आपका भाई बात मकसद की तो हो गई है आप बता दिए कि यह मकसद है उस मकसद में कामयाबी हो सकती है या नहीं हो सकती कामयाबी हो देखो अगर आप सर्वाइवल कर रहे हो इसका मतलब कामयाबी मिल रही है और जब सर्वाइवल खत्म हो गया अगर आप सर्वाइवल नहीं कर रहे इसका मतलब तो 71 साल वाला कामयाब है कि 70 साल वाला कामयाब है कामयाबी का कोई यहां पर पैरामीटर नहीं
(05:23) आएगा यहां प अभी तो आपने बोला कि कामयाबी मिल रही अगर आप अगर आप ज्यादा जी लिए तो कामयाबी मिल गई तो 71 साल वाले को कामयाबी मिली 7 साल वाले को बिल्कुल नहीं बिल्कुल नहीं मैं ऐसा बोला ही नहीं मैं ऐसा कह रहा हूं कि हर हर जीवित प्राणी का मकसद उसका पर्सनल सब्जेक्टिव मकसद सर्वाइवल है आप सर्वाइवल कर रहे हैं आप सरवाइव कर रहे हैं ठीक मे भी साहब तो ये परपस हो गया ना तो परपस जो है वो अची वेबल होता है ठीक है ना पर्पस जो है व सिर्फ पर्पस नहीं होता व यानी ये भी देखा जाता है वो पर्पस अचीव हुआ या नहीं हुआ सर्वाइवल नहीं होता सर्वाइवल अची वेबल नहीं होता नहीं मैं पूछ
(05:57) रहा हूं तो मतलब इतना तो आप मान रहे ना परपस जो है वो अचीव होता है या नहीं होता है यह दोनों जो है वो उसके ऊपर हम ये दोनों चीजें लगाते हैं कि कभी कहते हैं कि हा सर जो पर्पस है वो अचीव हो गया कभी कहते हैं कि अचीव नहीं हुआ ठीक है तो अब यही सवाल है मुफ्ती साहब का आपसे कि जो 70 साल दिया और जो 71 साल दिया उस दोनों में से किसको कहेंगे कि उसने अपनी सर्वाइवल वाले परपस को अचीव किया उन दोनों में से किसने अचीव किया दोनों ही दोनों ही सर्वाइवल के लिए जिए थे 70 साल तक इनके दोनों जो है वो 70 साल तक जिए और अच्छा जो 69 साल तक जिया
(06:32) वो स सब एक महीने भी कोई जिया तो सर्वाइवल के लिए जिया तो मतलब वो अचीव कर लिया अपने परपस सर्वाइवल के लिए वो अपने पर ठीक है मैं समझ रहा हूं मैं कह रहा हूं कि वो अचीव वो अचीव वो अचीव कर गया वो अपने पर्पस को अचीव कर लिया वो आपके जीवन का आपके एसिस्टेंसिया आप सांस क्यों भाई मे बी साहेब वो अलग बात है हम सांस क्यों लेते अभी उस पर बात नहीं हो रही है अभी इस पे बात हो रही है कि परपस जो है इसके साथ में अच्छे से समझ पाएंगे इसके साथ अच्छे से समझ पाएंगे आप इसको बताए ना कि जो बंदा 50 साल दिया या जो बंदा 70 साल दिया वो दोनों आपके नजदीक अपने पर्पस को अचीव किया जो
(07:07) पर्पस सर्वाइवल था उस दोनों को उसने अचीव कर लिया नहीं आप मुझसे कोई कांसेप्ट समझना चाह रहे हैं या आप अपना एक स्टेटमेंट देके अपने स्टेटमेंट स्टेटमेंट मैं आप बस जानना चाह रहा हूं मैं जानना चाह रहा हूं भाई एक सवाल ये भी होता है कि एक बच्चा एक महीने जिया और मर गया इसने अपना पर्पस अचीव किया कि नहीं किया वो जी रहा था तब तक सांस ले रहा था सर्वाइवल है सांस तो फिर आप ये तो फिर आप ये कए सास लेना मकसद है नहीं हा सुनिए सर्वाइवल मकसद है सुनिए रुकिए सर्वाइवल मकसद है एसिस्टेंसिया रखने के लिए पानी की आवश्यकता है सोने की आवश्यकता है खाने की
(07:46) आवश्यकता है और अगर आप आसपास के लोगों के साथ में रह रहे हैं तो उन आसपास के लोगों के नियमों को फॉलो करना भी सर्वाइवल का ही हिस्सा है जैसे कि ठीक है ये सब हम मान रहे हैं सब सर्वाइवल का हिस्सा हम सिर्फ आपसे य पूछ वो बंदा दो साल के बाद मर गया बच्चा पैदा हुआ दो साल के बाद मर गया क्या आप उसको कहेंगे कि उसने अपने पर्पस को अचीव किया यस या नो बिल्कुल उसने सब देखिए मेरी बात सुनि सवा उसने अपने परपस को कर लिया दो साल जिंदा चीव कर लिया ठीक को सर्व किया दो साल तक पर्पस को सर्व किया अच्छाम भाई जब इन परपस जो है व होलिस्टिक है उसम ल को फॉलो करना भी है जबकि एक
(08:31) महीने का बच्चा किसी लॉ को फॉलो करने का अहल नहीं है आप सर्वाइवल के अंदर जो है लज्जत का हुसूल भी है वो बच्चा क्या लज्जत हासिल कर रहा है नहीं पता इसी तरीके से मे भी साहब एक मिनट रु जाइए एक मिनट रुक जाइए उस सर्वाइवल के में यह भी चीज शामिल है कि रिप्रोडक्शन हो उस बच्चे ने कितना रिप्रोडक्शन किया यह भी साबित नहीं है इसके बावजूद बच्चा जो है वह अचीव कर लिया उसने सर्वाइवल यह बहुत अच्छी बात हुई भाई उसने अपने बेसिक यूनिट किया ना उसने सांस ली है उसने उसने जब उसने उसको खाने की जरूरत महसूस हुई है उसको खाना दिया गया उसको पानी दिया गया तो सर्वाइवल हुआ उसका
(09:04) अ मतलब खाना खा लिया पानी पी लिया दूध पी लिया तो वो मतलब अचीव कर लिया अने परपस को नहीं आपने परपस को सर्व करता रहा आप इतने बेसिक सवाल से दूर क्यों हट रहे हैं जरा छोटा सा मुझे आंसर दीजिए आप अभी सांस क्यों ले रहे हैं हम सांस ले रहे जिंदा है इसलिए सांस जिंदगी के लिए सांस लेना नहीं क्या आप जीने के लिए सांस ले रहे हैं क्या इसलिए सांस ले रहे क्योंकि लिखा है अल्लाह ने बोला है सांस लो अल्लाह ने मुझे इस तरह से बनाया है जिसके अंदर सांस लेना मेरे बस से बाहर यानी कि लेना नहीं लेना जो है वो कह ले कि मेरे इख्तियार से बाहर की चीज है अगर मैं लेना
(09:44) बंद कर दूं तो मुझे जो जिंदगी दी गई है वो खत्म हो जाएगी तो ये मतलब इसमें मेरा इख्तियार नहीं है सल खत्म हो जाएगा ना सर्वाइवल खत्म हो जाएगा ना मुझे इस तरह से डिजाइन किया गया इस तरह से बनाया गया एटली एटली तो कुछ कुछ चीज होती है जिसका सवा कु हमारे सर्वाइवल के कुछ कुछ एस्पेक्ट होते हैं जो हम पर निर्भर होते हैं टोटली बॉडी पर डिपेंड होते हैं जैसे कि सांस लेना खाना खाना वो सब पता है मे भी सर वो सारी चीज हमें पता है कि सर कि हमें जिंदगी के लिए क्या क्या चीज करनी पड़ती है वो सब पता है हमें सिंपल आपसे बेसिक क्वेश्चन है
(10:14) कि क्या दो साल में जो मर गया 50 साल में जो मर गया 70 साल में जो मर गया तो क्या उसने अपने परपस को अचीव किया या नहीं किया सिंपल है हम आपसे ये नहीं पूछ रहे हैं कि वो सर्वाइवल के सर्वाइवल के प्रोसेस में वो क्या करता रहा य क्वेन ही नहीं है ना हमारा हमारा क्वेश्चन ये है कि उसने अपने पर्पस को अचीव किया या नहीं किया उसने अपने पर्पस को सर्व किया परपस को एक सवाल मेरा है मे साहब एक सवाल मेरा ये है कि क्या आप अपने मकसद पर बगैर सफर के पहुंच सकते हैं अपनी मंजिल पर मकसद पर जो भी मंजिल मसूद है देखिए मकसद मकसद अलग होता है मंजिल अलग होती है गोल अलग होता है
(10:52) मंजिल मकसूद हमारे य उर्दू में बोला जाता है मंजिल मकसूद यानी जो इंटेंडेड डेस्टिनेशन है वो तोफ समझा सर आप मुझे मैंने मैंने अंग्रेजी बोला अंग्रेजी में बोला कि जो इंटेंडेड डेस्टिनेशन है आपका क्या आप वहां बगैर सफर के पहुच पहुंच सकते हैं लाइक अ प्लेस लाइक अ प्ले देखिए देखिए देखिए यहां प दो चीज होती है नहीं नहीं नहीं प्लेस कोई जरूरी नहीं है प्लेस कोई जरूरी नहीं है मैं बता रहा हूं आपको नहीं नहीं सुन लीजिए मेरी बात सु लीजिए मैं आपको समझाऊ भाईभी तो समझोगे ना आप मैं क्या कहना चाह रहा हूं मान लीजिए आपको एजुकेशन हासिल करनी है तो आपका जो
(11:23) मकसद है वो यह है कि मुझे डॉक्टरेट की डिग्री मिल जाए अब ये डॉक्टरेट की डिग्री कोई प्लेस तो है नहीं लेकिन ये एक पूरा आपकी जर्नी ऑफ नॉलेज है कि जिसको तय करके आप डॉक्टरेट की डिग्री तक पहुंचे हैं ऐसे ही रेल का सफर भी हो सकता है तो चाहे वो प्लेस हो या प्लेस ना हो मेरा सवाल यह है कि आप अपने मकसद पर बगैर सफर के पहुंच सकते हैं कि नहीं पहुंच सकते बिल्कुल नहीं पहुंच सकते हैं सही कह रहे हो आप नहीं पहुंच सकते ना लेकिन आपका वो बच्चा कि जिसने एक पल लम्हे भी सांस ले ली वो पैदा होते ही मकसद पर पहुंच गया या तो आप यह कह कि पैदा होने से पहले उसकी
(11:57) कोई लाइफ थी जहां से वो सफर करके आ रहा था और पैदा होकर उसने अपने मकसद को अचीव किया या फिर कहे कि पैदा होकर उसने अपना सफर शुरू किया पर्पस को क्या कहते हैं आप या फिर उसने पैदा होकर अपना सफर को शुरू किया अब बोले आप इसका जवाब दे दीजिए मतलब मैं आपसे एक चीज जानना चाह रहा हूं आपके कांसेप्ट के हिसाब से ठीक आप परपस को क्या कहते हैं मकसद ठीक है और मंजिल को क्या कहते हैं मंजिल भी मंजिल डेस्टिनेशन है वो डेस्टिनेशन जो है वो टेंज बल भी हो सकता है इनटेंजिबल भी हो सकता है ठीक है तो सरवाइव करना यह आपका मकसद है और सरवाइव करने के लिए जो जो चीजें करते
(12:34) हो आपका परपस है भाई परपस मद एक ही चीज होता है है भा एक उर्दू का लज है दूसरा इ का ल है अच्छा तो पर्पस और गोल आप एक ही चीज मान रहे हैं ऐसा कह रहे हैं आप फर मा बेटर अंडरस्टैंडिंग मैं बस समझने का प्रयत्न रहा हं देख अभी थोड़ी देर पहले आपने एक बात कही आपने कहा कि कोई भी आदमी अपने मकसद पर बगैर सफर के नहीं पहुंच सकता ठीक है आपका प्रपोजिशन नंबर वन है प्रोपो आपने कहा आपने बोलने नहीं दिया मैं बोल रहा था आपने किनेता को आपने कहा नहीं बोने लीम कर रहा बोलिए कि नहीं तस्लीम नहीं किया मैंने क तो आप य क कोई आदमी अपने मकसद पर बगैर सफर के
(13:22) पहुंच सकता है ऐसा भी होता है कि आदमी का मकसद भी नहीं होता है अरे भाई किसी का अब उसको पहुंचा के दिखाओ बगैर सफर के अगर किसी का मकसद है यहीं पर बैठे रहना तो फिर उसका मकसद के लिए सफर कहां से आएगा बताए भाई वहां बैठने के लिए कहीं ना कहीं से तो आएगा ना वो वहां पर बैठना उसका मकसद है वहीं प बैठा है प पहले से ही बैठा है वो अच्छा तो पहले से बैठा है ना पहले से बैठा है फिर उसने अपना मकसद बनाया कि मैं यही बैठा रहूंगा लेकिन बैठा तो पहले से ही है ना बिल्कुल अब अब अगर सफर किया तो वो अपने मकसद सर के लिए सफर के लिए सफर के लिए पैर हिलाना जरूरी नहीं है सफर के लिए
(14:01) पैर हिलाना कोई जरूरी नहीं है ये आपसे किसने कह दिया मेरा सिंपल सा सवाल ये है कि मकसद पर बगैर सफर के पहले से मौजूद हुए बगैर मकसद पर आप पहुंच सकते आपने एक स्टेटमेंट दिया है जो कि सुनिए आपने एक स्टेटमेंट दिया है जो कि एक स्टेटमेंट एक ही टाइम प एक ही एक फिक्स सिनेरियो के अंदर यूज हो सकता है जैसे कि अगर डेस्टिनेशन या फिर मैं जो कोई काम करना चाह रहा हूं उसका मुझे रिजल्ट रिजल्ट फ्यूचर में मिलेगा अगर ठीक है तो उसके लिए मुझे काम करना पड़ेगा बट अगर मैं कोई चीज मैं कोई जगह पर अगर अभी बैठा हूं और मैं वो डिसाइड करता हूं कि यही मेरा मकसद है कि मैं बैठा रहूंगा
(14:35) तो अगर मैंने सफर किया अगर मैं यहां वहां हिला डूला तो मैं अपने मकसद से दूर होठ जाऊंगा तो यहां पर सफर करने से रु जा रु जा यहीं पर रुकिए यहीं पर रुकिए जहां पर आप बैठे हुए हैं नहीं अभी अभी भी तो कंप्लीट होगा ना जहां पर आप बैठे हुए हैं वहां पर आप पहले से बैठे हुए थे पहले से बैठे हुए थे या अभी आकर बैठे जब आपने य किया मेरा यहां बैठना ही मकसद है तो उससे पहले से आप वहां बैठे हुए थे या अभी आकर बैठे नहीं मैंने पहले मैंने मैं कहीं पर रम घूम रहा था और मैं एक जगह आके बैठ गया बिना मकसद डिसाइड कि ठीक ठीक है रैंडम आप घूम रहे थे और उसके बाद आकर
(15:14) बैठ गए इसका मतलब यह कि आपका वजूद आपके मकसद तय करने से पहले से चला आ रहा है नहीं बिल्कुल नहीं क्योंकि मेरा अभी तक एग्जांपल खत्म ही नहीं हुआ पहले मैं अपना एग्जांपल खत्म करूंगा उसके बाद में आप बात बोलेंगे हां तो अगर मैं रैंडम कहीं घूमता हुआ कहीं प रैंडम एक जगह पर जाकर बैठ जाता हूं और बैठ के 15 मिनट बाद में मैं ये डिसाइड करता हूं कि मेरा मकसद यही रहेगा कि मैं यहीं बैठा रहूं तो अगर मैंने यहां प स यहां प अगर मैंने सफर किया तो मैं अपने मकसद से दूर हट जाऊंगा और जो कि प्राइमरी बात आप मुझे कह रहे हैं कि मकसद पर पहुंचने के लिए सफर
(15:45) करना जरूरी है तो वो बात यहां प उल्टी हो जाएगी कि अगर मैंने सफर किया तो मजिल ठीक ठीक ठीक नहीं ठीक है ठीक है ये जो अभी इन्होंने कहा कि मैं 15 मिनट के बाद मैंने तय किया कि मैं यहीं बैठा रहूंगा तो उसका मतलब यह है कि 15 मिनट बैठने का आपने सफर किया उसके बाद फिर मकसद पर पहुंचे साब कन्फ्यूज सफर करने को ट्रेवलिंग समझ रहे जो हम यानी के ट्रेन में और बस में और प्लेन में सफर करते सम डिग्री के लिए प डिग्री के लिए पई बेसिकली सफर का मतलब होता है कि जो आपका डेस्टिनेशन है उस डेस्टिनेशन के लिए जो जो काम आप करते हैं व उसको सफर कहा जा रहा है
(16:26) फ एपल आपका आपका ने कि 15 मिनट बैठे आप तो 15 मिनट जो वहां पर आप टाइम स्पेंड करेंगे ये ये 15 मिनट का स्पेंड करना टाइम य आपका सफर होगा ना जी अब समझ में आ गया आपको या मसलन या मसलन 15 मिनट भी नहीं आप फौरन बैठ जाए तो अब आय जो टहल रहे था आप इधर उधर और फिर आपको वह जगह नजर आई तो यह टहलना इधर उधर बगैर किसी मकसद के यह उस मकसद ततक पहुंचने के लिए सफर है चाहे आपको पता हो या ना हो वरना आप उस जगह तक पहुंचते कैसे जो आपको अच्छी लगी ओके ओके ओके ओके ठीक है ठीक है समझ गया आप कह रहे हो कि अगर आपने कोई मकसद स फ्यूचर में डिसाइड करना है तो
(17:01) आपको हो सकता है कि आपको अभी नहीं पता हो बट नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं ऐसा कोई नहीं कह र हम सिंपली ये कह रहे हैं कि अपने मकसद तक पहुंचने के लिए वो मकसद कुछ भी हो उसके लिए पहले से एसिस्टेंसिया हज मिनट का हो कुछ भी हो आपका पहले से होना अब आप ये कहते हैं कि एक दिन का बच्चा पैदा होते ही मर गया उसने सांस लिया उसने सवा किया तो वो भी अपने मकसद को उसने पा लिया तो ये जो उसका एक दिन की जिंदगी है अगर यह मकसद है तो इसका मतलब ये कि उस एक दिन की जिंदगी से पहले भी उसकी कोई ना कोई जिंदगी थी तो क्या आप उसको मान रहे हैं पा लिया सुनिए सुनिए मकसद पा लिया की
(17:44) डेफिनेशन आपने दी है हाउ एवर मैंने कहा है कि उसने जब तक वो जिया है भले वो एक दिन भी जिया है पर उसने सांस ली है एक दिन भी अगर जिया है तो ठीक है अगर उसने सांस नहीं ली तो उसको कृतिम तरीके से सांस दी गई है सर्वाइवल के लिए तो आप जो भी बातें कर रहे हैं मकसद के लिए एक्जिस्टेंस का होना जरूरी है कि नहीं जरूरी है किसी मकसद के को सर्व करने के लिए किसी परपस को सर्व करने के लिए आपको अपने एक्जिस्टेंस की जरूरत है या नहीं है अच्छा मैं एक सवाल आपसे करता हूं एक सवाल आपसे आप इस चीज को आप इसको नहीं समझ पा रहे हैं आप मेरी बात नहीं समझ क्वेन के
(18:14) बदले क्वेश्चन नहीं पूछ सकते आप क्वेश्चन के बदले क्वेश्चन नहीं पूछ सकते ये इवेशन फैसी है आपको मैं बता रहा आपका क्वेश्चन हीरे क्वेन का जवाब नहीं दे रहे हो इनका क्वेश्चन ही गलत है ये कह रहे हैं एक तरफ कि पर्पस ऑफ लाइफ सर्वाइवल है और दूसरी तरफ ये कह रहे हैं हमने सवा कर मैं वापस रख देता हूं अपना सवाल मैं ये कह रहा हूं आपका मकसद होने के लिए आपकी एसिस्टेंसिया एसिस्टेंसिया को क्या कहा जाता है हां ठीक है आगे चले आगे चले पूरी बात करें क्विज ना खेले हा नहीं नहीं आप पूरी पूरी दलील रख है हां आप आप ही रख रहे हैं मेरी दलील मैं
(19:02) पूछ रहा हूं आपसे वजूद बनाए रखने की प्रक्रिया को क्या कहा जाता है भाई उसकी प्रक्रिया अलग-अलग हो सकती है ना कुछ प्रक्रिया ऐसी हो सकती है जिसमें आप कुछ नहीं करते वजूद बनाए रख वजूद बनाए रखने में भी साहब आप वही समझ नहीं पा रहे हमारे नजदीक वजूद बनाए रखने के लिए जरूरी नहीं है कि सब काम आप करें बहुत सारे काम आप दूसरे पर डिपेंडेंट होते हैं और दूसरे आपके वजूद को बनाए रखते हैं कोई और आपके लिए आपको कुछ नहीं करना पड़ता फिर भी आपका वजूद रहता है आप अपना क्वेश्चन कंप्लीट करें नहीं आसिम भाई जवाब उस वक्त देंगे जब इनकी बात मुकम्मल हो
(19:31) जाएगी आप बिल्कुल मैं समझता क् अपना क्वेन यहां पर आपको जो बात कनी पूरी कीए फिर उसके बाद हमसे जवाब लीजिए कोई बात नहीं कोई बात नहीं आप आप परेशान ना हो कोई बात नहीं ठीक है मैं बोल देता हूं जब आपको अपने मकसद तक को सर्व करने के लिए वाड़ी साहब जब एसिस्टेंसिया रखेंगे कि नहीं बनाए रखेंगे ताकि आप अपने मकसद को पा सके ठीक हां या ना हां हां ठीक है ठीक है चलते रहे चलते रहे हां तो मकसद मकसद को पाने से पहले मकसद डिसाइड करने से पहले भी जो एसेंशियल चीज है वो आपकी एसिस्टेंसिया रखने की प्रक्रिया को उसकी उसके इवेंट को ही सर्वाइवल कहा जाता है
(20:14) ठीक प्रोसेस को ही तो आपने ये मान लिया कि मकसद अलग है सर्वाइवल अलग है यही सर्वाइवल है मकसद का मकसद के लिए फिर मद आपने तो अभी कहा ना कि हम सर्वाइवल हम हम इसलिए एसिस्टेंसिया डिसाइड कर सके अभी आपने कहा ना कि आपको अपने पर्पस को डिसाइड करने के लिए पहले एक्जिस्टेंस चाहिए आपने ऐसे ही फ्रेम किया आपको एक्जिस्टेंस चाहिए और एक्जिस्टेंस को बचाने के लिए आपको ये चीज चाहिए आप कह रहे हैं ये आप कह रहे हैं क्योंकि आप पर्पस को आप सर्वाइवल को पर्पस नहीं मानते इसलिए आप ऐसा बोल रहे हैं कि मकसद के लिए सर्वाइवल की जरूरत नहीं है आपके नजदीक जो है आपका
(21:04) एसिस्टेंसिया रखने की प्रक्रिया ही आपका पर्पस है सरवाइव ही पर तो इसका मतलब ये है कि प्रोसेस प्रोसेस और जो परपस है वह दोनों एक है आपके नजदीक प्रोसेस है और जो पर्पस है वह दोनों जोक आपने कहा ना कि एक्जिस्टेंस बनाए रखने की प्रक्रिया ही मकसद है तो प्रोसेस एंड परपस दोनों आपके नजदीक एक ही है एग्जांपल से बता देता हूं मैं एग्जांपल देता हूं आपकी आसानी के लिए एक कंपनी में प्रोडक्शन चल रहा है उस प्रोडक्शन का प्रोसेस है सुन लीजिए आसानी आसानी में मैं करता हूं ना आपकी आसानी क्यों परेशान हो रहे हैं परेशान ना हो मैं करता हूं आपकी आसानी रुक जाइए जरा
(21:44) खामोश हो जाइए खामोश होइए खामोश होइए आप हमारी स्ट्रीम पर है आपके लिए मैं आसानी करता हूं परेशान ना हो एक कंपनी के अंदर रिप्रोडक्शन चल रहा है या प्रोडक्शन चल रहा है और मसल वो कंपनिया गाड़ी बनाती है टेस्ला कंपनी है तो उस गाड़ी बनाने का जो जो परपस है ना बस वही मकसद है गाड़ी बनाते बनाते ही मकसद अचीव हो गया चाहे गाड़ी बने ना बने वो बिके ना बिके यह कहना चाह रहे हैं ना आप प्रोसेस एंड परपस एक है नहीं उसका नहीं परपस गाड़ी बनाना है ही नहीं पैसा कमाना है कंपनी को स तो वो तो कमा नहीं रहे जब तक बेचो कमाओगे नहीं इसका मतलब ये कि प्रोसेस करने के बाद गाड़ी
(22:17) बेचना और बेचने के बाद पैसा कमाना मकसद है ना तो खाली प्रोसेस तो खाली प्रोसेस तो परपस ना हुआ ना खाली प्र प्रोसेस तो परपस ना हुआ लेकिन आपकी डेफिनेशन के प्रोसेस एंड पर्पस दोनों एक ही चीज है जोक आपने कहा कि अपनी एसिस्टेंसिया को यानी प्रोसेस को पर्पस कहते हैं अभी आपने खुद बोला नहीं नहीं जो प्रोसेस सुनिए सुनिए आप थोड़े से कंफ्यूज हो गए या कितनी मर्तबा अपना स्टेटमेंट चेंज करोगे कितनी मर्तबा करोगे भी अपना स्टेटमेंट चेंज नहीं कर रहा मैं बिल्कुल भी अपना स्टेटमेंट चेंज नहीं कर रहा मेरा स्टेटमेंट स्टार्टिंग से सेम ही है हाउ एवर पर्पस
(22:53) हमारा सर्वाइवल है अब उस परपस को सर्व करने के लिए हमारे पास में कुछ प्रोसेस होते हैं जैसे कि सांस लेना पानी पीना परपस को भाई भी साब पर्पस को अचीव किया जाता है सर्व नहीं किया जाता आपको परपस पता भी है क्या होता परपस क्या होता है आपको पता है परपस का आपको डेफिनेशन पता है परपस का आपने डिक्शनरी देखी परपस का मीनिंग क्या होता है पर्पस को हिंदी में क्या कहते है मुझे नहीं पता मैं बता सता परपस इंग्लिश में बता देता हूं आपको कि रीजन ऑफ डूइंग समथिंग आप कोई भी चीज क्यों करते हैं यह पर्पस होता है तो क्यों सर्व किया जाता है क्यों को जो है वो अचीव किया जाता है
(23:31) उद्देश्य उद्देश्य उ तो उद्देश्य को सर्व किया जाता है उद्देश्य को अचीव किया जाता है उद्देश्य को सर्व किया जाता है उद्देश्य जो है आप उसके मुताबिक काम करते हैं तो भाई यानी कि आप आप ये कह रहे हो कि जो रीजन होता है किसी भी काम का जो रीजन होता है उसको हम सर्व करते हैं रीजन को हा हां बिल्कुल सही बिल्कुल सही बिल्कुल सही सही नहीं नहीं सही कहा सही कहा मतलब रीजन को हम सर्व करते हैं गजब आदमी होते रीजन को सर्व करते हा आपके पास में पैसों की कमी है और आप जॉब कर रहे हैं तो अब आप पैसों की कमी आप पैसों की कमी के कारण जॉब कर रहे हैं ना
(24:06) तो आप पैसों को सर्व कर रहे हैं आप कमी को सर्व कर रहे पै को क्यों सर्व करते अपने आप को सर्व कर रहे हैं पैसा क्यों कमाता है आदमी अपने ऊपर खर्च करने के लिए तो पैसों को सर्व कर रहे अपने ऊपर करने के लिए पैसा कमा रहे सर्वाइवल के लिए सर्वाइवल को आप सर्व कर रहे हो हा सर्वाइवल को मतलब आप अपने परपस को सर्व रहे हो सर्व का मतलब समझ में आता है आपको क्या होता है सर्व का मतलब सर्व का मतलब होता है किसी के उ किसी के लिए काम करना आप उद्देश्य के लिए कार्य करते हैं नहीं जनाब सर्व का मतलब यह नहीं होता कि किसी के लिए काम करना वो स सर्विस
(24:43) का मतलब नहीं होता है तो आप क्या मतलब निकालते हैं उसका ठीक है सर्विस का मतलब होता है कि किसी को अपनी जो काम है आपका जो काम है जो एक्ट है वो उसको उसके लिए प्रोवाइड करना उसकी कंफर्टेबिलिटी के लिए प्रोवाइड करना यह सर्विस होता है ठीक है मतलब थोड़ा एग्जांपल देके बताओगे फॉर एग्जांपल आप स्टेट को जो है सर्व करते हैं सर्विस होती है ना आपकी पुलिस में सर्विस होती है आपकी जो है आप जो है आप वेटर हो आप जो है वहा आने वाले लोगों को सर्व करते ठीक ठीक है ठीक है ठीक है मैं समझ गया आपका शब्दकोष का थोड़ा इशू है ठीक है ठीक है तो उद्देश्य के लिए काम किया
(25:18) जाता है सर्व की जगह लिए ले लीजिए अगर आपने यानी कि उसको पाना है उस उद्देश्य को पाना है उसके लिए आप काम करते उदेश उद्देश्य पाता नहीं आदमी भाई अचीव अरे यार मतलब आप जो है परपस उद्देश्य नि उसको भाई निर्धारित करके क्या उसका अचार डालना है उसको हासिल करना है साहब ये जो ये जो आपने फलसफा फलसफे की खिचड़ी बनाई है अपनी ही रसोई में बनाई है या किसी और की है बनाई हुई वो आप य प्रोस रहे नहीं मैं आप लोगों से अभी काफी ज्यादा बात कर रहा हूं तो हो सकता है उसकी खिचड़ी थोड़ी सी आपको अजीब लग रही हो क्योंकि आपके खुद के घर की खिचड़ कड़वी लग रही है
(25:58) अब बताए क्या करें बल्कि मुझे लग रहा है कि इसकी डेट भी एक्सपायर्ड हो चुकी इसलिए कि आप ऐसी ऐसी बातें कर रहे हैं कि कम से कम कोई अकलमंद आदमी तो नहीं करता इसीलिए नाम भी आपने मे भी रखा है वो नाम सूट कर रहा वही तो मैं कह रहा हूं आपके घर की खिचड़ी है ये हमारे घर की खिचड़ी नहीं है हम तो आपको ही पोस रहे आप वाह भाई वाह यानी हमारे घर में लूट मिचा के हमें परोस रहे गजब लूट मचा के क्या आप जिस तरीके से हमारे घर की खिचड़ी हमें पता होनी चाहिए ना हमें तो पता नहीं इसका मतलब आप चोर दरवाजे से हमारे घर में दाखिल हुए और खिचड़ी चुरा के हम परोस रहे वा वा ये कहां
(26:29) की चोरी चोरी और सीनाजोरी सुनिए सुनिए अगर आपको घी खाने की आदत नहीं है तो आपको घी खिला दूंगा तो फिर आपको उल्टी हो जाएगी दस्त हो जाएगी अगर मैं आपको घी खिला दूंगा और आपको आदत नहीं है तो तो मैं आपको आपके खुद के घर का खाना खिला रहा हूं ताकि आपको आपकी तबीयत ना खराब हो चले ठीक है बहुत बहुत अच्छा लगा च ठीक है निकले जनाब आपकी शायद औकात नहीं है कि आप सही से बात कर सके ठीक है सर आप अच्छे आप खुद अच्छी तरी
Table of Contents
Key Takeaways:
- Sirf survival ko purpose kehna ek flawed logic hai
- Purpose aur process ko milana “Category Error” fallacy hai
- Islam insaan ke liye holistic purpose batata hai – sirf physical nahi, spiritual bhi
- Har insaan ka purpose measurable nahi, lekin meaningful hota hai
- Survival based view se morality, success aur responsibility khatam ho jati hai
Objection: “Zindagi ka maqsad sirf survival hai”
Atheist ne claim kiya:
“Mera life ka purpose sirf apne existence ko maintain karna hai – jitna zyada jiyoon, utna better.”
Unka kehna tha ke agar koi banda 70 ya 71 saal ji gaya, to dono ne apna maqsad achieve kar liya. Chahe wo cancer se mara ho ya heart attack se. Agar kisi ne 2 saal zindagi guzari – to bhi usne apna “purpose” pura kar liya kyunke wo saans le raha tha.
Ye view superficially logical lag sakta hai, lekin:
- Kya sirf saans lena maqsad hai?
- Kya har insaan ke jazbaat, aspirations, morals – sab bekaar hain kyunke wo measurable nahi?
Yahan pe logical issues shuru hote hain.
Process vs Purpose: Confusion Ka Asal Source
Mufti Yasir ne point out kiya ke:
“Agar koi cheez chal rahi hai (like breathing), to wo process hai. Lekin kya us process ka hona usi ka maqsad bhi hai?”
Atheist ne “process” (survival) ko “purpose” bana diya. Ye Category Error fallacy hai – yani do mukhtalif concepts ko mix kar dena.
Example: Agar factory me machine chal rahi ho, to wo process hai. Lekin kya uska maqsad sirf chalna hai, ya product banana? Agar machine chale aur product na nikle – to purpose fail hua.
Isi tarah sirf zinda rehna maqsad nahi ho sakta jab tak koi higher reason na ho.
Logical Contradiction: Success Undefined Hai
Jab Mufti Yasir ne pucha:
“Agar kisi ne 71 saal cancer me guzare, aur kisi ne 70 saal sehatmand – to kaun successful tha?”
Atheist ne kaha: “Kamyabi ka koi maiyar nahi. Sabhi ne survive kiya to sab successful.”
Magar agar kamyabi ka standard hi nahi to:
- Purpose ka measure kya hoga?
- Kya ek din ka bacha bhi equally successful hai jaise ek scientist ya mujahid?
Yani survival ko maqsad kehkar hum morality, responsibility, contribution – sab cheezen eliminate kar dete hain.
Yeh Reductive Nihilism hai – jis me zindagi ka koi asli meaning nahi bachaata.
Islam Ka Perspective: Purpose Beyond Biology
Islam ke nazdeek zindagi ka maqsad sirf physical survival nahi:
“Main ne insaan aur jinn ko sirf apni ibadat ke liye paida kiya.” (Surah al-Dhariyat)
Yani insani zindagi ka asli maqsad:
- Allah ki maarifat (recognition)
- Uski ibadat (submission aur worship)
- Is duniya me imtihaan aur akhirat ke liye tayyari
Islam insaan ko ek moral agent maanta hai – jis ke decisions, niyyatein aur actions ka matlab hota hai. Is view me ek din zindagi bhi valuable hai agar wo Allah ki raza ke liye guzari jaye.
Rebuttal Example: Tesla Factory Analogy
Mufti Yasir ne ek powerful misaal di:
“Agar Tesla company car banati hai, to factory ka process chalna purpose nahi. Purpose hai car banana aur bech kar paisa kamaana. Agar car bani hi nahi, to process fail ho gaya.”
Yani:
- Survival (process) valuable tabhi hai jab wo kisi meaningful goal (purpose) ke liye ho
- Bina goal ke sirf process ka hona be-maani hai
What If Baby Dies in 2 Days?
Atheist ne kaha ke agar ek baby 2 din jiya to usne bhi survival achieve kiya, yani purpose pura.
Lekin yeh argument:
- Purpose ko measurable samajhta hai
- Value ko sirf biological metrics se judge karta hai
Islamic view me har zindagi ka purpose hota hai, chaahe wo hume samajh aaye ya nahi. Ek baby ke 2 din bhi akhirat me uske liye reward ka sabab ban sakte hain. Yeh transcendent meaning ka concept hai jo sirf materialism me nahi milta.
Conclusion: Purpose Ko Process Se Juda Samajhna Hoga
Atheist ka daawa ke “survival hi purpose hai” na sirf logically flawed hai, balke insani fitrah ke bhi khilaaf hai. Agar sirf saans lena zindagi ka maqsad hota to:
- Morality, sacrifice, truth, courage jaise concepts ka koi matlab na hota
- Insani progress meaningless hoti
Islam har insaan ko ek unique aur purposeful zindagi deta hai jiska goal Allah ki raza aur akhirat ki kamyabi hai.
Survival ek zarurat hai – lekin maqsad nahi.
FAQs
Q: Kya survival hi zindagi ka asli maqsad hai?
A: Nahi. Sirf survival to process hai – Islam ke mutabiq asal maqsad Allah ki ibadat aur akhirat ki tayyari hai.
Q: Agar bacha sirf 2 din zinda rahe to kya usne apna maqsad pura kiya?
A: Islam ke nazdeek haan – har zindagi meaningful hai, chaahe chhoti ho. Allah ke nazar me niyyat aur sabr ka ajr hota hai.
Q: Kya science purpose define kar sakti hai?
A: Nahi. Science “kaise” batati hai, lekin “kyun” nahi. Maqsad ko samajhne ke liye philosophy aur revelation zaroori hain.
Q: Atheist ke purpose argument me kya logical flaw tha?
A: Usne process ko hi purpose keh diya – jo ek “Category Error” fallacy hai.