Aaj ka modern naujawan science ko har cheez ka meyar samajhta hai. Uske nazdeek har woh baat jo laboratory me test ho jaye, wahi sach hai – aur jo na ho, uska wajood hi nahi. Lekin jab baat khuda ke wajood par aati hai, to kya yehi scale apply hota hai? Ya fir ek ajeeb si double game chal rahi hoti hai?
Is maqale me hum yahi masla discuss karenge: kya science ko theek tarah samjha ja raha hai? Kya ek hi science ko kabhi divine claims reject karne ke liye use kiya jata hai aur kabhi usi science ko irrelevant keh kar chhor diya jata hai? Aur kya science waqai khuda ke wajood par faisla sunane ki position me hai? Aaiye, logically aur theologically dono pehlu se is discussion ko samjhte hain.
Transcript: (00:00) आई रिजेक्ट गॉड ऑन द बेसिस ऑफ़ द एविडेंसेस दैट इज़ गिवन बाय द थी ठीक है अगर मान लीजिए साइंस को हम प्राइमरी एविडेंस ना रखकर सामने वाले के वर्ल्ड व्यू का क्योंकि वर्ल्ड व्यू साइंट साइंटिस्टिक है तो उसके वर्ल्ड व्यू के ऐतबार से अगर हम कोई साइंसी दलील दे रहे हैं तो व्हाई इज इट नॉट एक्सेप्टेबल आपके आप अगर मेरे को साइंस साइंस दलील दे रहे हैं हां जिसको मैं नहीं मान रहा हूं मैं कह रहा हूं क्योंकि आप मान रहे हैं तो मैं आपके घर से आपको दलील दे रहा हूं तो व्हाई इज इट नॉट एक्सेप्टेबल ठीक है तो इसका मतलब यह हुआ कि अब हम गॉड को के एक्जिस्टेंस या नॉन
(00:30) एक्सिस्टेंस पर साइंस को इस्तेमाल नहीं करेंगे आर वी ऑन द सेम पेज नो बिकॉज़ इफ लेट से इफ यू क्लेम समथिंग व्हिच आई नो इट इट इज नॉट ट्रू देन वहां पर मैं तो साइंस का यूज़ करूंगा से इट्स इट्स कंप्लीटली फाल्स अरे अभी तो आपने बोला कि साइंस डायनेमिक है और साइंस का इस्तेमाल नहीं कर सकते और अभी एक आप यूज़ करेंगे जी भाई खुदा को मानने में तो साइंस का इस्तेमाल नहीं होगा क्योंकि साइंस डायनेमिक है ना मानने में इस्तेमाल होगा आप डायनेमिक नहीं है ये क्या बात हुई भाई तो आप कुछ भी क्लेम करते रहेंगे अगर मैं कुछ भी पूरी तरह ढूंढता रहूंगा ऐसा तो
(01:01) होने नहीं वाला देख ऐसा है कि आप चाहते ये हैं कि खुदा को साबित करने के लिए साइंस का इस्तेमाल ना हो लेकिन द कांसेप्ट ऑफ गॉड को डिबंग करने के लिए आप साइंस का धड़ल्ले से इस्तेमाल करें ये डबल स्टैंडर्ड है आपका बिकॉज़ साइंस के अकॉर्डिंग देयर फॉर एज ऑफ नाउ देयर कैन बी नो वो कॉज गॉड बट यू टू बिलीव दैट देयर इज अनक्स्ट कॉस्ट प्रूव मी गिव मी एविडेंस भाई अब देखिए मैंने इनको बोलने दिया और इस दो चार मिनट में जितनी देर भी ये बोले इन्होंने साइंस का ही सारा साइंटिफिकली इट्स नॉट पॉसिबल बायोलॉजिकली इट इज नॉट पॉसिबल तो क्या कर रहे हैं ये कि जब
(01:33) थियोलॉजी पर बात करेंगे अभी कहते हैं कि नहीं थियोलॉजी में साइंस का इस्तेमाल नहीं कर सकते लेकिन जैसे ही बात आती है वर्जिन मैरी की जीसस की या खुदा की तो फौरन साइंस को लेकर आ जाएंगे अच्छा तो सर मैं अपनी पोजीशन क्लियर कर दूं मैं एक आपके नाम आने सर नीचे कमेंट्स में बहुत सारे लोग आपकी मुखालफत क्यों कर रहे हैं नो मनविंदर प्लीज कोई खास कॉन्टेक्स्ट है क्या इसका मैं बताता हूं बिकॉज़ आई थिंक मैं आपके सभी जो साथ वाले कंपैनियंस है मैं उनके चैनल पे जा आया हूं अ एंड मैं आई डोंट विजिट देम एनी मोर द रीजन बीइंग मुझे लगता है कि
(02:10) स्टील मैन करने की जगह स्ट्रॉम मैन ज्यादा होता है एंड थोड़ा पावर लेवरेज रहता है बट मैं गुडविल से आया हूं क्योंकि मैं जैसे आई रिसेंटली गॉट इंट्रोड्यूस टू हार सुल्तान एंड ही प्रज़ेस यू वेल बिकॉज़ ही सेड दैट यू आर इंटेलेक्चुअली वैरी ऑनेस्ट एंड मैं उस आई थिंक हमारी पहले भी फ्री व्हीलर और डिटरर्मिज्म पे डिबेट हुई थी और बहुत अच्छी डिबेट आई थिंक क्लिप भी आई थिंक 30 मिनट 40 मिनट से कट के डला हुआ है सो आई थॉट इट कैन बी अ गुड डिस्कशन जहां पर ऐसे नहीं होगा कि बार-बार नीचे किया जा रहा है या फिर यू नो देयर इज ओवर रूलिंग वन ईच अदर तो इस वजह से तो मैं मेरी तरफ
(02:48) से ऐसा कुछ नहीं होगा मैं आपको कह दूं आप अपनी बात रखेंगे मैं अपनी बात रखूंगा और फिर देखते हैं बात कहां जाती है तो मैं सर मैं इग्नोस्टिक एथिस्ट हूं अपनी पोजीशन क्लियर कर दूं आई रिजेक्ट गॉड ऑन द बेसिस ऑफ द एविडेंसेस दैट इज गिवन बाय द थीस्ट बट ओवरऑल इफ यू आस्क मी कि आप मतलब थीस्ट के क्लेम के अलावा कैन देयर बी अ पॉसिबिलिटी दैट गॉड कैन एक्सिस्ट आई वुड से मे बी बट जो अभी फिलहाल के लिए एविडेंसेस दिए गए हैं दैट इज नॉट रेलेवेंट टू मी एंड दैट्स व्हाई आई एम एथस्ट सो आई कॉल मसेल्फ एन इग्नोस्टिक एथस्ट दैट्स व्हाई जी जो जो एथस्ट की तरफ
(03:27) से एविडेंसेस दिए गए हैं कि जिनकी वजह से आप मुमई नहीं है वो क्या है जैसे बेसिक आर्गुममेंट्स है कि देयर इज अ क्रिएटर आई डोंट थिंक दैट देयर इज़ इनफ एविडेंसेस दैट्स फाइन आपने कहा कि मैं थीस्ट की तरफ से दिए गए जो एविडेंसेस है उन्हीं की बुनियाद पर मैं एक एथिस्ट बना हूं ओके दैट्स फाइन तो वो दो जरा दो एक एविडेंस तो दें हमें जिनको जिनमें आपको प्रॉब्लम लगी है हां यही क्लेम्स क्लेम्स मतलब क्लेम एविडेंस की बात आपने एविडेंस की बात की देखिए एविडेंस मैं मैं एथस्ट क्योंकि एविडेंस दे ही नहीं पाई ना वो मेरे को एक रेलेवेंट एविडेंस दे ही नहीं
(04:07) पाई आपने अभी नहीं बोला कि थीस्टिक एविडेंस के वजह से मैं क्लेम का लफ्ज़ नहीं बोला आपने एविडेंस का लफ्ज बोला हो सकता है मैं कह मतलब ऑन द क्लेम्स ऑफ दैट इज मेड बाय द थीस्ट आई डोंट थिंक दैट दे हैव गव देयर रेलेवेंट एविडेंस क्या उन्होंने कभी कोई एविडेंस आपके इल्म में आया थीस्ट का क्या एविडेंस है कोई प्रॉपर पक्का एविडेंस नहीं जिसप मैं कह पाऊं कि हां कच्चा वाला बताते हैं कच्चा वाला जैसे फ्री विल एक्सिस्ट एंड आई ऑलवेज आस्क देम व्हाट आर द एजेंट्स ऑफ़ फ्री विल आई थिंक दे आर अनेबल टू आंसर इट डू क्रिएटर मैं बताता हूं जैसे वो कहेंगे
(04:43) क्रिएटर एक्सिस्ट एंड आई आस्क देम हाउ फिर वो कहेंगे देखिए फाइन ट्यूनिंग है डीएनए में जेनेटिकली इतनी इनफेशन है दैट ट्रांस एंड दैट इज द प्रूफ ऑफ एंड देयर फॉर गॉड एंड आई आई डोंट थिंक इट्स अ रेलेवेंट आर्गुमेंट फॉर दी ऑफ़ गॉड एंड दैट्स व्हाई रिजेक्टेड व्हाई व्हाई इन माय ओपिनियन ऑल दी फाइंडिंग्स आर बाय द साइंटिस्ट इटसेल्फ एंड साइंस इज अ डायनेमिक सब्जेक्ट तो आप तो क्लेम नहीं कर सकते बिकॉज़ यू आर एन ऑब्जेक्टिव गाय हु थिंक्स दैट जो कुरान में लिखा है दैट इज द परफेक्ट ट्रुथ और उसके अलावा कोई और ट्रुथ नहीं हो सकता राइट बट साइंस इस अ डायनेमिक
(05:15) सब्जेक्ट अगर साइंस ने कुछ फाइंडिंग की है तो वो चेंज हो सकती है सो वी कैन नॉट क्लीन दैट दिस इस द एविडेंस एंड देयर फॉर गॉड ठीक है अगर मान लीजिए साइंस को हम प्राइमरी एविडेंस ना रखकर सामने वाले के वर्ल्ड व्यू का वर्ल्ड व्यू साइंटिस्टिक है तो उसके वर्ल्ड व्यू के ऐतबार से अगर हम कोई साइंसी दलील दे रहे हैं तो व्हाई इज इट नॉट एक्सेप्टेबल आपके आप अगर मेरे को साइंस साइंसी दलील दे रहे हैं हां जिसको मैं नहीं मान रहा हूं मैं ये कह रहा हूं क्योंकि आप मान रहे हैं तो मैं आपके घर से आपको दलील दे रहा हूं तो व्हाई इज इट नॉट एक्सेप्टेबल उसकी वजह ये है जैसे कि मैं
(05:50) जैसे साइंस डायनेमिक है मतलब वो चेंज होती रहती है विद द टाइम उसमें अपलिफ्टमेंट आता रहता है तो जैसे कि मैं कहूं कि जैसे मैं कहूं कि फाइन यून्य आर्गुममेंट है कि एवरीथिंग इस वेरी फाइनली ट्यून एंड देर फॉर गॉड बिकॉज़ उसमें कोई डिजाइनर की जरूरत होगी मैं कहूं कि हमने बाकी यूनिवर्स को फाइंड आउट किया या बाकी प्लनेट्स को फाइंड आउट किया और वहां पर वही फाइनली ट्यूनिंग आर्गुमेंट्स आर कंप्लीटली ऑोजिट एंड पैरेलल डस दैट मीन दैट नाउ योर गॉड इज नॉट फाइनली ट्यून और उसने फाइनली ट्यून नहीं किया है तो आई थिंक फाइनली ट्यून पे आर्गुमेंट पे क्लेम करना क्योंकि साइंस ने
(06:21) ढूंढा है ना वो दैट इज अ मैथमेटिकल इक्वेशन जो साइंस फिजिस्ट ने ढूंढी है वो गलत भी हो सकती है बिकॉज़ ऑल दी थिंग्स आर बेस ऑन बेस्ड ऑन हाइपोथेसिस ठीक है तो इसका मतलब ये हुआ कि अब हम गॉड को के एकिस्टेंस या नॉन एक्सिस्टेंस पर साइंस को इस्तेमाल नहीं करेंगे आर वी ऑन द सेम पेज नो बिकॉज़ इफ लेट से इफ यू क्लेम समथिंग व्हिच आई नो इट इट इज नॉट ट्रू देन वहां पर मैं तो साइंस का यूज़ करूंगा लेट से इट्स इट्स कंप्लीटली फॉल्स अरे अभी तो आपने बोला कि साइंस डायनेमिक है साइंस का इस्तेमाल नहीं कर सकते और अभी एक आप यूज़ करेंगे जी साइंस क्योंकि साइंस आपके लिए
(06:58) भी पास है और मेरे लिए भी पास है पास कैसे साइंस कुछ प्रूव करती है वो नहीं है ये डबल स्टैंडर्ड क्लियर करें पहले डजंट मैटर पास है कि दूर है व्हाट आई एम सेइंग कि खुदा को मानने में तो साइंस का इस्तेमाल नहीं होगा क्योंकि साइंस डायनेमिक है ना मानने में इस्तेमाल होगा आप डायनेमिक नहीं है ये क्या बात हुई भाई है डायनेमिक है मैं तो यही कह रहा हूं देयर कैन बी पॉसिबिलिटी दैट गॉड एक्सिस्ट तो क्या आप एग्री कर रहे हैं कि खुदा के कांसेप्ट को समझने में साइंस का इस्तेमाल नहीं करेंगे ना आप करेंगे ना मैं करूंगा हां ठीक है साइंस का इस्तेमाल नहीं होगा
(07:32) नहीं बट इफ यू क्लेम इफ लेट से मैं कहता हूं आई एम नॉट क्लेमिंग एनीथिंग भाई आई एम नॉट क्लेमिंग एनीथिंग एट दिस पॉइंट एट दिस पॉइंट ऑल मैं मैं बताता हूं कि मैं अपनी स्टेट मैं अपनी पोजीशन क्लियर कर दूंगा क्योंकि आई थिंक देयर इज सम मिस कम्युनिकेशन अगर आप कहेंगे कि देखिए जी एक उड़ता हाथी होता है ठीक है आप मतलब मैं क्लेम कर लूं आपने अगर बेसिक फिजिक्स भी पढ़ी होगी तो एरोडायनेमिकली इट इज नॉट पॉसिबल सो यू से मनविंदर यू नो एोडायनेमिकली इट्स नॉट पॉसिबल चेंज हो जाए मैं वही कह रहा हूं पॉसिबिलिटी तो किसी चीज की हो सकती है आप एोडायनेमिक्स एंड थर्मोडायनेमिक्स
(08:06) इसकी जरूरत नहीं है ना इस्तेमाल करने की जो बट लेट से नो नो नो वेट अ सेकंड मैं पूरे स्टेटमेंट सो लेट्स से यू यू हैव रिजेक्टेड ऑन द बेसिस ऑफ़ साइंस की मन एोडायनेमिकली पॉसिबल नहीं है बट आई विल से कि यार नहीं पर मैं आपको इसका एविडेंस दूंगा ठीक है आपने एविडेंस का वेट किया मैंने कुछ फालतू सा ऐसी कोई बेवकूफ सा एविडेंस दे दे कि देखिए वो है पर वो यूनिवर्स में उड़ रहा है तो आप जाके ढूंढ लो तो मैं कहूंगा भाई हमारे नेचुरलिस्टिक पर्सेक्टिव में एोडायनेमिकली ये पॉसिबल नहीं है और आप मुझे कह रहे हैं यूनिवर्स में उड़ते जा रहा है तो आप कुछ भी क्लेम
(08:39) करते रहेंगे और मैं कुछ भी पूरी तरह ढूंढता रहूंगा ऐसा तो होने नहीं वाला देखें ऐसा है कि आप चाहते ये हैं कि खुदा को साबित करने के लिए साइंस का इस्तेमाल ना हो लेकिन द कांसेप्ट ऑफ गॉड को डिबंग करने के लिए आप साइंस का धड़ल्ले से इस्तेमाल करें ये डबल स्टैंडर्ड है आपका वैसे देखा जाए यही डबल स्टैंडर्ड है मैं आप अगर मैं गुफ्तगू आगे बढ़ाऊंगा द मोमेंट आप ये कह दे कि मैं किसी भी तरह की साइंटिफिक आर्गुमेंट का इस्तेमाल ही नहीं करूंगा ना प्रूफ करने के लिए ना डिबंग करने के लिए अब बात आगे बढ़ेगी देन वी आर ऑन द सेम पेज बिकॉज़ आई बिलीव लेट से मैं
(09:13) कहूं कि साइंस इज़ डायनेमिक इट्स कंप्लीटली डायनेमिक जब साइंस डायनामिक है तो ये भी हो सकता है कि उड़ता हुआ हाथी आगे डिस्कवर कर ले तो इसलिए इसको आप को सो देयर फॉर् साइंस असाइड व्हाई व्हाई डू यू इंसिस्ट कि आप यूज़ करेंगे मैं यूज़ नहीं कर सकता व्हाई डू यू इनस्ट ऑन दैट बिकॉज़ यू बिलीव एन ऑब्जेक्टिव ट्रुथ लेट्स से मैं दैट्स फाइन मैं दैट्स फाइन मैं उसको आप आपने डबल स्टैंडर्ड अपना देखा कि आप मुझे डिबंंग करेंगे जबकि मैं ऑब्जेक्टिव ट्रुथ में बिलीव करता हूं आप मुझे डिबंंग करेंगे साइंस से उस साइंस के बारे में जिसके बारे में आप खुद ये कह रहे
(09:53) हैं कि डायनामिक है वो चेंज हो सकती है हाउ कैन यू डिबंक मी ऑन द बेसिस ऑफ़ साइंस जब खुदा मान रहे हैं कि कल को चेंज हो जाएगी पढ़ती है साइंस नेचर को पढ़ती है ना पढ़ती रहे उसको कहिए तू पढ़ती रहो हम अलग से बात करेंगे ना जब वो पढ़ के फार हो जाएगी हम उसको हम उसकी बात मान लेंगे उसे पढ़ती रहो भाई भी बहुत टाइम है अभी देखो देखो मनविंदर सिंह मेरे ख्याल से जो लोगों ने नीचे जो एतेजाज किया प्रोटेस्ट किया ना आपके आने पर मुझे ऐसा लग रहा है कहीं-कहीं वो जस्टिफाइड है बिकॉज़ यू आर शोइंग ए हिपोक्रेटिकल पोजीशन के आपको हक नहीं है क्योंकि साइंस डायनेमिक है मुझे हक है
(10:30) क्योंकि साइंस डायनेमिक है दैट्स कंप्लीटली नॉनसेंस आपको यह शुरू से पता है कि साइंस डायनेमिक है मेरे को पता है आपको भी पता है मुझे भी पता है स्टिल यू गिव एविडेंस बट स्टिल गिव दे रहा हूं ना मैं नहीं दे रहा हूं भाई मैं साइंटिफिक दलील नहीं देता हूं मैं नहीं देता हूं साइंटिफिक दलील आई डोंट आई डोंट रे टू साइंटिफिक आर्गुमेंट्स आप सुन तो अब दैट्स व्हाई आई एम सेइंग लेट्स से आपने उसको मक्खी का एग्जांपल कहा कि देखो अगर तुम्हें साइंटिफिकली पता होता तो आर्गुमेंट वो आपके आर्गुमेंट नहीं देंगे वो आपके सेटिस्फेक्शन के लिए देते हैं हम
(11:04) किक आपका वर्ल्ड साइंटिस्टिक है तो हम आपके सेटिस्फेक्शन के लिए इसी को इसी को आपको दलील का ही नहीं पता के दलील किसे कहते हैं दलील दो तरह की होती है एक दलील तहकीकी एक दलील इल्जामी दलील इजामी का मतलब ये है कि आप अपने अपोनेंट को वो दलील दे रहे हैं कि जिसको वो खुद मानता है तो हम जब भी अगर साइंटिफिक दलील देते हैं तो इस बुनियाद पर देते हैं कि आप उसको मान रहे हैं हमारे नजदीक उसकी कोई अहमियत नहीं दो कौड़ी की औकात नहीं है आप चूंकि मान रहे हैं ओके लो भाई पकड़ो इसको हम अगर मान लीजिए वेद खोल कर दिखाते हैं इसका मतलब ये नहीं कि हम वेद को सही मान रहे हैं गीता
(11:37) खोल कर दिखाते हैं तो मतलब ये नहीं कि गीता को हम वर्ड ऑफ गॉड मान रहे हैं चूंकि तुम मान रहे हो देअर फोर इसको पढ़ो भाई देखो क्या लिखा है ये मतलब होता है तो या तो आप मुझसे डिबेट करें मुझसे कांसेप्ट ऑफ गॉड के ऊपर मुझे गुफ्तगू करते हुए बड़ा अच्छा लगता है लेकिन फिर ये तय कर लें कि साइंस का जिक्र कहीं नहीं आएगा और अगर आपकी तरफ से आएगा तो फिर मेरी तरफ से भी आएगा भाई ये क्या बात है अगर आप प्रेजेंस लेकर आएंगे तो सुन नहीं पाएंगे मैं कह रहा हूं कि नो यही है अरे यार आप सुन नहीं रहे ना क्योंकि आप लगातार बोलते जा रहे हैं आपको लग रहा है मेरी पोजीशन ये है मैं कह
(12:07) रहा हूं कि हजरत इनका मसला यही है पर वो चेंज के भाई मनविंदर भैया साहब रुकिए जी अरे थोड़ा रुकिए आप सॉरी मैं अगर ऐसी लैंग्वेज आ गई मुझसे हजरत इनका मसला ही यही है मनविंदर भाई का कोई नए कॉलर नहीं है हर एक चैनल पे जा चुके हैं लास्ट में इन्होंने कुछ नहीं बोलना लास्ट में इन्होंने बोलना है कि नहीं मुफ्ती साहब आपने सही जवाब नहीं दिया तो इसीलिए देखिए हमें किसी को मुतम करने का हमने कोई ठेका तो लिया नहीं है और ना हमने ये दावा किया कि हमारे को मुतम करके भेजेंगे दैट्स कंप्लीटली फाइन अगर वो ये कह रहे हैं कि मैंने सही नहीं जवाब दिया
(12:42) गलत जवाब दिया दैट्स ओके आई डोंट केयर अबाउट इट वो व्हाट आई एम ट्राइंग टू से कि जब आप किसी से गुफ्तगू करते हैं तो गुफ्तगू के कुछ उसूल तय होते हैं ये नहीं होगा कि मैं तो बात करूं ईरान की आप करें तुरान की ये नहीं होगा ठीक है एक ही पेश के ऊपर बात करनी पड़ेगी एक ही फील्ड में मैं तो खेल रहा हूं स्टेडियम में आप खेल रहे हैं सड़क पे तो मुकाबला कैसे होगा भाई आपको भी रिंग में आना पड़ेगा ना उसी रिंग में जहां पर बॉक्सिंग चल रही है अब मैं बोलूं आई थिंक मैं अपनी स्टेटमेंट थोड़ी डिफाइन कर दूं अब समझ नहीं आई साइंस डायनेमिक है ये उसकी वीकनेस नहीं है साइंस
(13:14) डायनेमिक है या उसकी खूबसूरती है इट आई एग्री विथ इट कैसे समझ आएगा साइंस की साइंस की बात नहीं हो रही कि साइंस काम कैसे करती है ऑल आई एम ट्राइंग टू से कैन वी यूज़ साइंस इन थियोलॉजी कैन वी यूज़ साइंस इन थियोलॉजी ये क्वेश्चन है नीदर साइंस कम इनू थियोलॉजी नीदर थियोलॉजी कम इनू साइंस बात वो है ही नहीं पर लेट आंसर क्वेश्चन आंसर मेरा क्वेश्चन क्या है कैन वी यूज़ साइंस एंड थियोलॉजी विल यू लेट मी स्पीक आई एम लेटिंग यू स्पीक यू आंसर माय क्वेश्चन कैन साइंस इंटरफेयर इन थियोलॉजी कैन वी यूज़ साइंस इन थियोलॉजी नो या बिल्कुल ठीक यस और नो वाला आंसर है
(13:57) ना तो आप इसको बहुत पहले कह देते कि नहीं बट वर्ड कुछ नहीं है नो नो मींस नो ठीक है साइंस को अब हम थियोलॉजी में इस्तेमाल नहीं करेंगे ठीक है अब हम क्या इस्तेमाल करेंगे व्हेन आर यूजिंग साइंस और साइंस किस चीज़ के ऊपर डिपेंड करती है साइंस डिपेंड करती है ऑब्जरवेशन के ऊपर सो व्हेन आर यूजिंग ऑब्जरवेशन इन और नीड अ साइंस इन थियोलॉजी अब बोल अब आगे चल या यही रुकना है लेट नहीं मैं मैं आई थिंक मैं अगर एक एग्जांपल दूं कि जीसस वास बोर्न आउट ऑफ वर्जिन ठीक है ये क्लेम ये सारी जो छोटी मोटी एग्जांपल हम बात करेंगे असल मुद्दे के ऊपर गॉड
(14:35) एक्सिस्ट यार आप बात नहीं सुनोगे तो कैसे लेट से इट्स अ क्लेम असल मुद्दे पर बात करें ना मैं आपकी बात सुनता हूं आप कभी इधर जा रहे हैं कभी उधर जा रहे हैं असल मुद्दे पर बात करेंगे सुन ही नहीं रहे आप बात आपको कैसे सुन सुना जाएगा ना वेस्ट ऑफ़ टाइम सुनेंगे नहीं तो कैसे पता चलेगा वेस्ट ऑफ़ टाइम है कि नहीं है मैं कह रहा हूं लेट से क्रिश्चियंस केम दैट जीसस वास बोर्न आउट अ वर्जिन वी नो इट फॉर अ बायोलॉजिकल रीज़ंस कि किसी वर्जिन से पैदा होना इज नॉट पॉसिबल इट्स अ बायोलॉजिकल फैक्ट अब आप कहेंगे कि देखिए बट चेंज होता रहेगा चेंज क्या होगा उसमें पॉसिबिलिटी
(15:07) क्या है कि मतलब कोई वर्जिन से पैदा हो जाएगा मतलब एक अनपॉसिबिलिटी पॉसिबिलिटी मान ले हम ऐसे ही इफ यू क्लेम दैट इज़ अ क्रिएटर अनपॉसिबिलिटी पॉसिबिलिटी क्या है उसमें कि देयर विल बी एन अनकॉज्ड कॉज कैन यू प्रूव एन अनकॉज्ड कॉज कैन यू बिकॉज़ साइंस के अकॉर्डिंग देयर फॉर एज ऑफ नाउ देयर कैन बी नो अनकॉज्ड कॉज बट यू बिलीव दैट देयर इज़ एन अनकॉज्ड कॉज प्रूव मी गिव मी एन एविडेंस भाई अब देखें मैंने इनको बोलने दिया और इस दो-चार मिनट में जितनी देर भी ये बोले इन्होंने साइंस का ही सारा साइंटिफिकली इट्स नॉट पॉसिबल बायोलॉजिकली इट इज नॉट पॉसिबल तो क्या कर रहे हैं ये
(15:39) कि जब थियोलॉजी पर बात करेंगे अभी कहते हैं कि नहीं थियोलॉजी में साइंस का इस्तेमाल नहीं कर सकते लेकिन जैसे ही बात आती है वर्जिन मैरी की जीसस की या खुदा की तो फौरन साइंस को लेकर आ जाएंगे साइंस को नहीं लाना सी दैट्स व्हाट आई एम ट्राइंग टू दैट्स हाउ आई एम एक्सपोजिंग यू एंड योर हिपोक्रेटिकल नियर टू मैटर मैटर के बायोलॉजिकली आपको इस्तेमाल नहीं करनी है वेदर इट इज बायोलॉजिकली पॉसिबल और नॉट हु केयर्स इफ इट इज नॉट बायोलॉजिकली पॉसिबल आपको यू केम आउट दैट व्हाट्स यू आर सेइंग आपको बायोलॉजिकल आपको बायोलॉजिकल इमॉसिबिलिटी को इस्तेमाल करना ही नहीं है
(16:20) अगर आपको थियोलॉजी के अंदर आप इमॉसिबल चीज को प्रोबेबिलिटी नहीं कह सकते ना देयर कैन बी अ प्रोबेबिलिटी इमॉसिबिलिटी होल्ड डाउन होल्ड डाउन होल्ड यू यू फोर्स अस टू पुट यू ऑन म्यूट सो हम भी आपको वैसे ही करेंगे जैसे दूसरे आपके साथ ट्रीट कर रहे हैं म्यूट करें इनको भाई तो देखिए भाई मनविंदर आपके ताल्लुक से जो नीचे प्रोटेस्ट हो रहा था वो वो बिल्कुल ठीक हो रहा था एंड आई एम वेरी थैंकफुल के मैंने शुरू में ही उसको देख लिया था कमेंट्स को बात ये है कि एथिस्ट के पास ना तो दिमाग है ना पोजीशन है वो कोई भी हो सकता है पोजीशन इसलिए
(16:52) नहीं है कि वो ये कहता है कि नहीं मेरे खिलाफ आप साइंस को इस्तेमाल नहीं करेंगे क्योंकि साइंस जो है वो डायनेमिक है और मैं आपके खिलाफ साइंस इस्तेमाल करता रहूंगा क्योंकि साइंस डायनेमिक है भाई ये कहां की दलील है जब तक के मैं और आप दलील के ऊपर मुत्तफिक नहीं होंगे कि दलील और आर्गुमेंट कौन सा होना चाहिए रैशन होना चाहिए कि साइंटिफिक होना चाहिए उस वक्त तक के इस मौजू के ऊपर बात आगे बढ़ ही नहीं सकती आप अगर किसी भी चीज को जो थियोलॉजी कहती है साइंस की बुनियादों के ऊपर डीपन करते रहेंगे तो फिर आप ये मानते हैं कि साइंस डायनेमिक नहीं है साइंस ने जो चीज
(17:22) डिस्कवर कर दी कि बायोलॉजिकली इंपॉसिबल है तो फिर साइंस उसके अंदर मजीद कुछ इजाफा नहीं कर सकती देन साइंस इस नॉट डायनेमिक आपकी अपनी बात में कंट्राडिक्शन है भाई कंट्राडिक्शन अपॉन कंट्राडिक्शन अपॉन कंट्राडिक्शन देन देयर फोर यू डिर्व टू बी म्यूटेड चल फिर कभी बात करेंगे
Table of Contents
Key Takeaways:
- Science ka istimaal selective taur par karna logical fallacy hai.
- Science dynamic aur evolving hai, is wajah se wo absolute truth ka scale nahi ban sakti.
- Agnostics ka science-based criticism self-contradictory hai.
- Theology aur science do mukhtalif fields hain jinka meyar aur scope alag hai.
- Islamic view har field ko uski had tak samajhne aur use karne ki dawat deta hai.
Objection: Kya Khuda Ka Wajood Prove Karne Ke Liye Science Zaroori Hai?
Yeh sawal aksar agnostics aur atheists uthate hain: “Agar khuda hai to uske saboot science se do.”
Logical Rebuttal:
Science ka kaam physical phenomena ko samajhna aur explain karna hai – yani jo cheezein waqt aur space ke andar mojud hon. Jab hum khuda ki baat karte hain, to hum ek aise zaat ki baat kar rahe hain jo matter, time, aur space se pare hai. To jo tool sirf duniyaavi cheezon ko naapta hai, wo ghair-duniyaavi (metaphysical) cheezon ka saboot kaise de sakta hai?
Yahan par ek fallacy hoti hai jise Category Error kehte hain – yani ek field ka tool dusre field me use karna. Jaise thermometer se speed naapne ki koshish. Isi tarah science se khuda ka saboot lena ek ghalat approach hai.
Double Standard: Khuda Ke Liye Science Nahi, Inkaar Ke Liye Science Ka Sahara
Agnostic jab khuda ke wajood ka saboot maangta hai to kehta hai: “Science is dynamic, it can’t prove God.” Lekin agle hi moment wo kehta hai: “Science ke mutabiq virgin birth impossible hai,” ya “science ke mutabiq uncaused cause mumkin nahi.”
Tu Quoque Fallacy ka Shikaar
Yeh Tu Quoque Fallacy hai – yani khud ek principle par nahi chalna, lekin dusre se us par chalne ki demand karna. Jab aap science ko khuda ke liye reject karte hain kyunke wo dynamic hai, to fir usi science ko khuda ke khilaf kaise use kar sakte hain?
Ek aur example dekhiye: Atheist kehta hai “science dynamic hai is liye final truth nahi de sakti,” lekin jab hum fine-tuning ya intelligent design ki baat karte hain, to wo kehta hai “nahi, wo sab scientific hypothesis hai jo galat sabit ho chuki hai.”
Aakhir faisla kya hai? Agar science final nahi hai to uska use khuda ke against bhi nahi ho sakta.
Objection: Fine-Tuning Argument Valid Nahi Hai
Kuch log kehte hain ke universe ka fine-tuning argument bhi bas ek illusion hai, kyunke kai aur universes ya planets aise bhi hain jahan life possible nahi – to agar yeh design hota to sab jagah hota.
Rebuttal:
Yeh objection bhi flawed logic ka shikar hai. Agar ek system ke andar kuch areas me complexity aur balance ho, to ye design ka indication hota hai, na ke randomness ka. Agar ek building ka ek hissah bohat hi finely built ho, to kya hum yeh kahenge ke kyunke dusra hissah gir gaya is liye pehla design nahi tha? Nahi, hum kahenge kisi ne pehla hissah design kiya, dusre me flaw tha.
Design ka proof specific conditions me milta hai, na ke universal uniformity me.
Objection: Scientific Hypothesis Change Hoti Rehti Hai – To Religion Kaise Rely Kare?
Yeh common claim hota hai ke “science to evolve karti rehti hai, is liye religious ideas outdated hain.”
Jawab:
Islam ne kabhi bhi science ko religion ke competition me nahi rakha. Deen aur science apne-apne maqasid rakhte hain. Islam ka kaam why ke jawab dena hai (purpose), jabke science how ke (process). Dono ko milakar dekhne ki zarurat hai, na ke ek ko dosre ka alternative banane ki.
Aaj ki science kal kuch aur keh sakti hai. Iska matlab ye nahi ke har metaphysical ya moral haqeeqat bhi change ho jaayegi. Truth har field me usi ke tools se talash hota hai.
Logical Fallacies in Atheist Arguments
Yahan kuch important fallacies hain jo iss debate me baar baar dekhi ja sakti hain:
- Strawman Fallacy: Jab Islam ya theology ke asli stance ko tod-marod kar present kiya jaata hai.
- Tu Quoque Fallacy: Jab khud contradiction me ho lekin dusre se logic ka demand karein.
- Category Mistake: Jab science ko metaphysics ke masail me apply kiya jaye.
- Moving the Goalpost: Jab saboot dene par standard badal diya jata hai – pehle kehte hain scientific evidence do, jab diya jata hai to kehte hain yeh to hypothesis hai.
Islamic Perspective: Ilm ka Insaf aur Tawazun
Islam hamesha se ilm ka deen raha hai. Lekin har ilm ka apna domain hai. Quran science ki kitaab nahi, magar usme science ke ishare hain jo insaan ko sochne par majboor karte hain. Islam logic, reason, aur revelation teeno ko balance me rakhta hai.
Islamic scholars ne hamesha yeh kaha hai ke agar koi scientific discovery haqeeqat hai to woh wahi ho sakti hai jo Quran aur deen ke against na ho. Agar conflict lage to ya to science ghalat samjhi gayi hai, ya deen ka mafhoom ghalat samjha gaya hai.
Yani Islam, ya khuda ka concept, kisi bhi evolving field jaise ke science se khatra mehsoos nahi karta. Balki science ko Allah ki qudrat ka aik tool samajhta hai.
Natija
Aakhir me baat ye samajh aati hai ke science aur theology dono apne maqasid aur scope me mohtaram hain. Magar jab kisi ek field ka tool dusri field me zabardasti ghusa diya jaye, to na to logic ka insaf hota hai na sachai milti hai.
Agnostic worldview jab science ko khuda ke saboot ke liye mana karta hai, lekin usi science ko khuda ke inkaar ke liye bar-bar use karta hai, to ye ek khula contradiction hai. Aisi thinking sirf confusion paida karti hai – yaqeen nahi.
Islam hume clear aur consistent soch ki dawat deta hai. Ilm ka insaf yehi hai ke har cheez ko uski jagah pe samjha jaye. Jab hum yeh baat samajh jaate hain, to khuda ka wajood ek spiritual haqeeqat ke sath-sath logical necessity bhi ban jata hai.
FAQs
Q: Kya science se khuda ka saboot diya ja sakta hai?
A: Science metaphysical cheezon ka saboot nahi de sakti. Lekin science me jo order, design aur purpose nazar aata hai, wo khuda ki taraf ishara karta hai.
Q: Agar science dynamic hai to kya sab religious arguments invalid hain?
A: Nahi. Religion ka scope aur science ka scope alag hai. Science physical cheezon tak mehdood hai jabke deen moral aur metaphysical haqaiq ko explain karta hai.
Q: Kya fine-tuning bas coincidence ho sakti hai?
A: Coincidence ka matlab random hona hota hai. Jab multiple factors perfectly align karein, to ye design ki nishani hoti hai, na ke randomness ki.
Q: Kya Islam science ke khilaf hai?
A: Bilkul nahi. Islam hamesha ilm aur tafakkur ki dawat deta hai. Magar har ilm ka ek maqam aur limitation hoti hai, jiska khayal zaruri hai.