Kya Allah Aisa Patthar Bana Sakta Hai Jo Khud Na Utha Sake?

Agar koi aapse pooche: “Kya Allah aisa pathar bana sakta hai jo khud na utha sake?” to aap thoda confuse ho jaate hain. Aakhir sawal bada tricky lagta hai. Magar kya ye logical bhi hai?

Mufti Yasir Nadeem al Wajidi ne ek agnostic caller ke saath debate me is sawal ka gehra aur philosophical jawab diya – aur sabit kiya ke ye objection sirf ek logical illusion hai, asal me iska koi weight nahi.

Is article me hum dekhenge:

  • Kya ye rock paradox waqai valid objection hai
  • Isme kaun si logical fallacy chhupi hui hai
  • Islam ka jawab is sawaal par kya hai



Transcript: (00:01) ये तो ये इतनी आउटडेटेड डिबेट हो चुकी है कि इस पर तो हम जैसे ही सुनते हैं ना हमारे दिमाग सर में दर्द हो जाता है कि यार यह क्या निकाल कर लाए कोई नई चीज लेकर आओ जिससे हमें भी बात करते हुए अच्छा लगे यह तो बच्च वाली दलील है मैं इस बच्चे वाले दलील को एडल्ट वाला दलील प्रूफ कर दू अभी एक मिनट हा च च ठीक कर करे करे आपको दिया मैंने पूछा कि आपके पास वो दलील के जो खुदा के ना होने वो दीजिए यह वाली ये तो दलील नहीं थी य तो ऑब्जेक्शन था खुदा के ऑलमाइटी होने पर ऑब्जेक्शन था मैं आपसे यह पूछ रहा हूं कि क्या खुदा के ना होने पर आपके पास कोई

(00:40) दलील है अच्छा हमारे साथ है इस वक्त ग्नोस्टिक अबीर अहमद या आबीर अहमद सलाम वालेकुम कैसे आबीर अबीर बांगलादेश से हू बांग्लादेश से जी मैं आपसे य पूछूंगा कि एगोस्ट के माना क्या है आपने अपने आप को ग्नोस्टिक लिखा है तो व्हाट ड यू मीन बाय बीइंग एन ए ग्नोस्टिक व्हाट ड यू मीन बाय ग्नोस्टिसिजम आई मीन मैं श्यर नहीं हूं श्यर नहीं हूं कि एक खुदा है या नहीं ठीक अच्छा श्यर क्यों नहीं है क्या आपने दोनों साइड्स के आर्गुमेंट पढ़ लिए हां सारी तो नहीं मैं दोनों साइड के पढ़ लिए ना सारे नहीं चलो भाई सारे नहीं बहुत सारे पढ़ हां हां हां

(01:31) अच्छा तो वो आर्गुमेंट जो खुदा के ना होने पर है वो मुझे बताइए जो पढ़ा आपने फॉर एग्जांपल एक पैराडॉक्स बोलता हूं आपको कि आप मुझे यह बताए क्या अल्लाह ऐसा कोई पत्थर बना सक अरे यार आसिम भाई ये क्या है ये तो नसरी के बच् आसिम भाई बता दे बता कमाल हमारी किमत में क्या लिखा हैर साहब आपको पता है कि आपका ये क्वेश्चन ही इलॉजिकल है कैसे इलॉजिकल है है बताए मुझे क्योंकि आपने अपने क्वेश्चंस पर गौर नहीं किया अगर गौर करते तो ये इलॉजिकल कितना था वो आपको जाहिर हो बोलिए मुझे कैसे इलॉजिकल है क्योंकि आप इसमें सबसे पहले जो है वो खुदा के लिए जो

(02:15) है आप जो है आजिज होना यानी उसका इनकैपेबल होना यह चीज यानी कि एक पॉसिबल मान रहे हैं उसके बाद ही तो यह सवाल करेंगे ना जब यह मानेंगे ही नहीं आप कि खुदा के लिए जो है इनकैपेबल जो है वो पॉसिबल भी है तो ये सवाल इनवैलिड है आपको समझ में आ गया कैसे यह लॉजिकल है मैं यह कह रहा था इफ खुदा ऑलमाइटी है इफ यू नो च अब आपने आपने कह दिया अल माइटी है खुदा अल माइटी है तो आपका अब देखें अब मैं बता रहा हूं ना कैसे कांट्रडिक्ट कर रहे हैं आप अपने आप एक तरफ आप कह रहे हैं ऑलमाइटी है इसको भी एक मान के चल रहे हैं और दूसरी तरफ जो है आप उसकी इनकैपेबिलिटी

(02:53) को भी मान के चल रहे हैं आप कैसे कर सकते हैं कि एक हीस्ट एक ही बीइंग के लिए एक ही एक्जिस्टेंस के लिए आप जो है एट द सेम टाइम इनकैपेबिलिटी भी मान रहे हो और एट द सेम टाइम ऑलमाइटी भी मान रहे हो दोनों में से कोई एक चीज ही मान के आप जो है क्वेश्चन फर्ज करेंगे तो आप यह ऐसा है कि आप किसी शेप को देखें और यह कहे कि अगर यह स्क्वायर है तो क्या यह सर्कल हो सकता है तो जिस तरह यह इलॉजिकल है वैसे ही वह भी इलॉजिकल है तो अब यह यह तो आपकी दलील का हाल है य मैंने आपसे कहा आपसे मैंने कहा कि एक दलील जो खुदा के ना होने पर हो और मजबूत हो हम

(03:30) उसको तोड़ ना सके आपने पहली ऐसी दलील दी जो या यह तो बच्चों वाली हो गई तो बच्चों के काम है भाई ू ग्रो अप ओ मेरे भाई इससे पता लगता है कि आपने दोनों साइड के जो दलाल है वो नहीं पड़े क्योंकि ऐसे इस क्वेन 100 स वीडियो पड़े हुए हैं सिर्फ मुस्लिम के नहीं सबके हाय तो इतनी आउटडेटेड डिबेट हो चुकी है कि इस पर तो हम जैसे ही सुनते है ना हमारे दिमाग सर हो जाता है कि यार ये क्या निकाल कर लाए कोई नई चीज लेकर आओ जिससे हमें भी बात करते हुए अच्छा लगे ये तो बच्चों वाली दलील है मैं इस बच्चे वाले दलील को एडल्ट वाला दलील प्रूफ कर दूं अभी एक मिनट हा च

(04:14) चले ठीक करे करे करे चां भी आपको दिया सुनि हा अभी आपने जो यह कहा ना यह लॉजिकल ही नहीं है यह प्रश्न क्यों लॉजिकल है यह समझिए जब आप कहेंगे कि समवन इज ऑलमाइटी जब आप यह कहेंगे तब मैं यह जरूर पूछ सकता हूं कि अगर वह ऑलमाइटी है वह कैसे एक पत्थर मतलब वह क्या वह खुद को मार सकता है मैं ये क्यों नहीं पूछ सकता एक एग्जांपल देता हूं इसके इसके ऊपर मैं एक एग्जांपल देता हूं समझ लीजिए आपने कहा कि हर इंसान बच्चा पैदा कर सकता है तो मैं तब जरूर पूछ सकता हूं कि मर्द क्या मर्द भी बच्चा पैदा कर सकता है यह प्रश्न इलॉजिकल लग सकता है आपको फिर से अभी फिर से जो है आपको समझाता

(05:02) हूं मैं जैसे आपने कहा जैसे ही हमने मान लिया समवन इज ऑलमाइटी आप फिर से सुन लीजिए और आपको समझ में आ जाएगा कितना ब काना सवाल है अगर मैं कह भाई अब आपने आपने जवाब आपने कह दिया ना आपने एडल्ट वाली दलील साबित कर दी अब जरा फिर से आपसे पूछता हूं आपसे ही पूछता हूं ए मेरा मेरा कुछ मेरा ये कहना है कि यह जो है एक सर्कल है तो आपका ये सवाल है ऊपर से इफ दिस इज अ सर्कल कैन इट बी ट्रायंगल यह सवाल कैसा है बच्चे वाला एडल्ट मेरा ये सवाल ही नहीं है भाई वही सवाल है आपका आप समझ नहीं पा रहे नहीं बिल्कुल नहीं बिल्कुल नहीं आप जब कहेंगे

(05:41) कि ये सारी शेप हो सकते है तब मैं ये कहूंगा आप जब कहेंगे देखि आप कह रहे हैं ना इफ दिस इज ऑलमाइटी जैसे ही आपने ऑलमाइटी कहा तो अगला जो सपोजिशन है वो इनकैपेबिलिटी से रिलेटेड हो ही नहीं चा होना ही नहीं चाहिए ना नहीं तो सवाल आपका इन जैसे देखिए सर्कल और ट्रायंगल में क्यों हम कहते हैं कि यह सवाल नहीं बनता क्योंकि ये एक दूसरे को कंटक्ट करता है तो पहला जो सपोज आपका स्टेटमेंट है जो दूसरे सपोज स्टेटमेंट को खुद ही कंटक्ट कर देता है तो इसी तरीके से जैसे ही आपका पहला सपोज जो सवाल होता है ऑलमाइटी तो दूसरा जो दूसरा जो प्रेमिसेस आप बना रहे हैं जिसमें

(06:15) इनकैपेबिलिटी है तो वो आपस में ही कंटक्ट कर जा र है ना तो दैट इज कि ये बच्चों वाला सवाल है ये लॉजिकल रीजनिंग के रू केला आपका पहला प्रेमिसेस जो है वो दूसरे प्रेम अगर मैंने कहा मैंने माना तो नहीं ना अच्छा येय ये भी मयार है कि मैं मानूंगा तब चलेगी दलील नहीं मैं तो मान नहीं रहा हूं ये भी मयार है मैंने ये दलील नहीं बोला मैंने कहा कि अगर कोई ऑलमाइटी होगा तब उसको यह भी आना चाहिए ना अगर व अच्छा इसको इसको रिफ्रेश कर देते हैं अगर कोई ऑलमाइटी होगा तो वह इनकैपेबल भी होगा नहीं नहीं होगा ना वो ल माइटी होगा ना लेकिन आप क्या कह रहे आप यही कह रहे

(06:58) हैं कि क्या खुदा ऐसा पत्थर बना सकता है जिसको वो ना उठा सके अच्छा अब अगर हम ये कहेंगे कि हां जी वो बना सकता है कि जिसको वो ना उठा सके तो वो इनकैपेबल हो गया या हम ये कहे कि नहीं वो ऐसा पत्थर नहीं बना सकता तो वो इनकैपेबल हो गया तो आपके सवाल का मतलब ही ये निकला कि क्या ऑलमाइटी इनकैपेबल हो सकता है या नहीं हो सकता अब मुझे बताइए इसमें खुद कांट्रडिक्शन है कि नहीं है लेकिन लेकिन इसमें प्रॉब्लम है लेकिन लेकिन मैं नहीं मानूंगा हां नहीं नहीं आपका सवाल में आपका जो आंसर है उसमें प्रॉब्लम है क्या है मैंने यही कहा कि कोई ऑलमाइटी एजिस्ट नहीं कर सकता आपने यह समझा

(07:43) नहीं मैंने क्या कहा सही है अभीर भाई कि आपका जो लॉजिकल क्वेश्चन सर्कल की बुनियाद प है कि कोई सर्कल जो ट्रायंगल नहीं हो सकता तो अब चलो सर्कल एजिस्ट ही नहीं करता हां ये सही है ये भी सही है सर्कल एस्ट ही नहीं करता ट्रंगल तो हो नहीं सकता सर मेरा दूसरा क्वेश्चन था मैं बताऊ जी पहला पहला हाल हो गया पहला हाल हो गया नहीं नहीं नहीं नहीं मेरा पहला ये अच्छा अच्छा और मेरी बात रह गई हवा मैंने पूछा कि आपके पास वो दलील के जो खुदा के ना होने वो दीजिए ये वाली ये तो दलील नहीं थी ये तो ऑब्जेक्शन था खुदा के ऑलमाइटी होने पर ऑब्जेक्शन था मैं आपसे ये पूछ रहा

(08:24) हूं कि क्या खुदा के ना होने पर आपके पास कोई दलील है ना होने पर हां हां मतलब मैं बताऊ जैसे किडिंग ट हम लोग बोलते हैं कि इसके इसको उर्दू में क्या कहते मुझे पता नहीं मैं बांग्लादेश से हूं ना सो हम लोग कहते लाइक लॉजिकल एजुकेशन और समथिंग लाइक ट आप इंग्लिश में बोल दो म आप इंग्लिश में बता दो इंशाल्लाह समझ लेंगे इंग्लिश वही तो मुझको नहीं पता लॉजिकल एजुकेशन लॉजिकल एजुकेशन ऐसा तो कोई विद्या लॉजिकल रीजनिंग होगा हां रीजनिंग होगा रीजनिंग मे बी मे बी चले हां ठीक है फिर ओके सो उसके मुताबिक वही बंदा दलील पेश करेगा जो अफर मेे सेंटेंस बोलेगा

(09:15) अच्छा लाइ डिड यू गेट द पॉइंट यानी जो अरमेस्टेड नेगेटिव स्टेटमेंट देगा वो दलील नहीं देगा वो दलील पहले नहीं देगा ना व बाद में देगा ये उसूल कहां से निकाला वो वो जुक्ति विद्या या उर्दू में मैं ट्रांसलेट करने की कोशिश कर रहा हूं ट्राले लॉजिकली उर्दू में ना क इंग्लिश में कर देना भाई हमने मान लिया लॉजिकल रीजनिंग हा इंग्लिश में लॉजिक लिखा आ रहा है हा तो लॉजिक ही कह रहे ना मं मंक को य कह रहे होंगे मंक को य लॉजिक कह े हा मंत किया एटली सो मंत के मुताबिक फॉर एग्जांपल समझ लिए आप आप मैंने यह दावा किया कि मुफ्ती भाई से मैंने लिया है 00 मतलब उसने

(10:11) उन्होने मेरे से लिया है 00 मैंने ये अरमेस्टिस सोट हमको यह पता चले कि मैं सच बोल रहा हूं या झूठ अभी आप मुफ्ती भाई तो यह प्रूफ नहीं कर सकते कि उसने मेरे से नहीं लिया डिड यू गेट द पॉइंट ठीक अच्छा अब एक एक मैं आपको दूसरा सिनेरियो देता हूं मसलन आप मेरे घर के बाहर खड़े हैं और कह रहे हैं कि यह मकान मेरा है ठीक है ठीक मैं घर के अंदर हूं और मैं कह रहा हूं कि यह मकान मेरा है मैं घर के अंदर रह रहा हूं तो दोनों ने अफर मेे स्टेटमेंट दिया अब मुझे बताएं कि दलील का दलील किसको देनी है अभी जिस जो सच्चा है उसको देना चाहिए जो सचा जो सच्चा है वो दलील

(11:06) देगा हम दलील रहे सचा मान लिया आपने हम दलील दे रहे मान लिया सच्चा क्या दलील दे रहे हो दिखाओ मुझे दलील लेक आए हो भैया सुनि मैंने जो क्वेश्चन नहीं किया एक मिनट अभी यही रुक जाइए मैंने आपको आपकी लॉजिक आप ही के सर है ना दोनों लोगों ने जो घर में बैठा है और वहां रह रहा है और जो घर के बा दोनों ने अमेट स्टेटमेंट दिया है मुझे बताइए दलील किसके जिम्मे है दलील ओके तो दोनों के देना चाहिए चाहिए नहीं आप यह क रहेर भा य कह रहे हमने नेगेटिव दिया इसलिए दलील नहीं देंगे य कह रहे हा मैंने नेगेटिव मैं आ आज क्लेम करता हूं कि य तुम्हारा घर नहीं है मैं नेगेटिव क्लेम

(11:52) करता हूं कि तुम जिस घर में रह रहे हो तुम्हारा घर नहीं है मुझे प्रूफ करना होगा कि वो आपका घर नहीं है मुझे आपको प्रूफ करना हो वो आपका घर है किसको क्या करना होगा मैंने नेगेटिव मैंने नेगेटिव जो है वो क्लेम किया है कि वह आपका घर नहीं है मेरे घर को घर आपके घर को आपके घर को आप जहां रहते हैं ना मैंने क्लेम किया कि वो आपका घर नहीं है हा अब अब दलील किसके जिम्मे है सबूत कौन देगा अ देना चाहिए ना क्योंकि मैं जरूर कहूंगा मुझे देना चाहिए जिसका घर है उसको देना चाहिए तो इसका मतलब यह है आप ये कहेंगे मेरा घर है तो इसका मतलब यह हुआ कि

(12:37) अब आप मुकदमा अब आप दलीले देते फिरेंगे हम तो दावा करके साइडलाइन हो गए दुनिया का हर हो जाएगा फना मैं एक बंदे को रोज लगाऊंगा रोज लगाऊ इसको बोलूंगा ये इसको बोले कि ये मेरा घर ये तेरा घर नहीं है फिर रोज देते र यानी मैं मैं किसी के भी बारे में दावा करके भाग जाऊ किय इसका घर नहीं है अब वो अदालत के चक्कर काटता फि रेगा साबित करने के लिए व भाई नी अगर मंत्रिक का नाम लिया है तो मंत्रिक की थोड़ी सी तो मानो यार उसकी कुछ तो लाज रखो तो अभी आपने एक बोला मंक में कहते हैं कि जो एफर्मेटिव जो बात करता है उसको दलील देनी होती है एक बार भी आप उस स्टैंड नहीं

(13:21) कर सके विकेट अथर भाई असल में यह दजल क्या है यहां पर जो है यह लोग गेम क्या खेल रहे हैं मंक में असल है उय जो दावा करता है दलील उसके जिमे होती है म में उसल नहीं है कि जो पॉजिटिव दावा करता है दलील उसके जिम होती है दलील दोनों दावा दोनों हो सकता है नेगेटिव पॉजिटिव दोन हो सकता है जी अच्छा अब अब आप य देखें दावा जो करर दावा कर रहा है दलील उसके जिमे आप यह कहते तो आपकी बात मान लेता इसी को हम बोलते हैं मुद्दई मुद्दई के जिमे दलील है मुदा डिफेंडेंट के जिमे दलील नहीं है मे बी ओके भी नहीं यही है यही लॉजिक है कोर्ट में भी यही चलता है फिफी में भी

(14:06) यही चलता है सो अभी क्या करना है अच्छा अब मुझे एक बात बताइए हम अपने रिलीजन का डिफेंड कर रहे हैं नहीं कर रहे मैं मेरा रिलीजन क्या है आप आपके रिलीजन की बात नहीं हो रही हम यहां अपने रिलीजन को डिफेंड करने बैठे हैं ना हां हां बहुत हम डिफेंडेंट हुएट हु दलील मुद्दई के जिम्मे तो दलील आपको देनी है को खुदा नहीं है हमें नहीं देनी हम देंगे तो हमारा एहसान दलील आपको देनी है मुझे देनी है खुदा नहीं है हां हम तो डिफेंडेंट है हमें कोई देनी है मैंने मेरे नाम पर क्या लिखा है एग्नोर दैट मींस मैं नहीं जानता भाई नहीं जा नहीं जानने का एग्नोर

(14:52) वो होता है कि जिसने दोनों दलीलें पढ़ ली समझ ली खुदा के होने की भी और खुदा के ना होने की भी और वो इस कंफ्यूजन का शिकार हो गया कि यार ये वाली ये वाली दलील उस दलील को खत्म कर देती है और वो वाली दलील इस दलील को खत्म कर देती है अब आप पोर एगोस्टिक है लेकिन उस है ना खुदा के ना होने की कोई दलील आपने पढ़ी हो वो दलील आपके पास है नहीं मैंने बोला ना कोई ऑलमाइटी एजिस्ट नहीं कर सकता ये दलील दावा है फिर आप एगोस्टिक कहां हुए क दिया अगर आपने ये कह दिया कि कोई कर ही नहीं सकता फिर आप एनोट कहां से हुए फिर आप एथी हो गए हां यह भी सही है ये भी सही

(15:36) है तो देखि इसका मतलब ये है कि आपको आपके एग्नोर होने में एनोट एनोटिस जम है आपको अपने एग्नोर होने में मे बी या कंफ्यूज ये भी ठीक है ये भी ठीक है इसी को को इसी को हमारे यहां बोलते हैं एक टर्म आती है अरबी में उसको बोलते ला अदरिया लादया का मतलब यह कि मुझे नहीं पता तो फिर उसका उससे सवाल होता है कि अच्छा आपको पता है कि इस वत दिन है क्या रात है वह कहेगा कि नहीं मुझे नहीं पता मैं किसी बारे में अरमेस्टिस है आपको पता है उ नहीं मुझे नहीं पता तो भाई ऐसे लोगों का एक इलाज है वह इलाज यह है और यह मैं नहीं कह रहा हूं कि आपके साथ ही इलाज किया जाएगा मैं न

(16:22) लाइटर नोट बता रहा हूं ऐसे लोगों का इलाज यह है कि इनको आग में फेंका जाए और इनसे पूछा जाए दर्द हो रहा उसका एहसास है अगर वह कहे कि नहीं हमें नहीं पता तो ठीक है चलते रहो और जब कहे हमें पता है तो उसका मतलब दरद के बारे में तो पता है एक चीज के बारे में तो पता है तो यह जो आपका जो बिहेवियर है ना यह वही कुछ लादया वाला लग रहा है मुझको इसको अंग्रेजी में इसको अंग्रेजी में बोलते इसको अंग्रेजी में बोलते हैं फरोनिक्स जी अच्छा य लेट मी आस्क आपने नाम बदल लिया अच्छा हु मं की और रीजनिंग की लाज रखी ठीक है भाई अब आपसे अगली मर्तबा बात होगी आपसे

(17:01) त भाई भाई सुनि एक बात एक बात मैं आया था किस लिए मेरा हम इस तालुक से स्केप्टिक और एगोस्टिक है कि आप क्यों आए थे मैं ये बोला था मैं इसलिए आया था कि मुझे इस्लाम को जानना है मुझे समझना है कि एथस जम या एनोस जम ट्रू है या इस्लाम ट्रू है राइट सो मैं इसलिए आया था आपसे प्रश्न पूछने आपने मुझसे उल्टा प्रश्न पूछ के मुझसे ही मतलब प्रश्न पूछने नहीं दिया सो क्या यह इंसाफ हु लेट मी आस्क साहब आप जिस पर्पस के लिए आए थे आई थिंक आप उसमें कामयाब हो गए हमने आपको सवाल करके ये बता दिया कि आप जिस चीज से इस्लाम को गलत कर रहे हैं वो खुद ही गलत है तो इस्लाम सही

(17:40) है तो यू अचीव योर गोल नहीं नहीं हमने इनका दन बदल दिया आप ये बोलते हैं एनोट से जी आप एगोस्टिक नहीं रहे अरे मुफ्ती भाई मुझे दो सिंपल सवाल है ना उसको पूछने दो इस्लाम सही भी साबित हो सकता है मेरे लिए मैं दीन में आ सकता हूं ठीक है जानने नहीं आया ठीक है देखि देखि मैं एक चीज बताता हूं आपको क्या नाम लेट मी आस्क भाई अब चकि नाम बदल दिया आपको नए नाम से पुकारते हैं आप आप लोग मैं आपसे सवाल आपके सवाल लूंगा ये मैं उसको स्केप नहीं कर रहा लूंगा लेकिन मैं आपको एक मैं एक चीज आपको बताना चाहता हूं वो ये कि हम सामने वाले से सवाल

(18:16) इसलिए करते हैं बाज मर्तबा कि उसकी जो अपनी बेसिस होती है उसके जो अपने प्रेमिसेस होते हैं जिस ग्राउंड के ऊपर वो खड़ा होकर दूसरे ग्राउंड को या दूसरे आईडियोलॉजी या प्रेमिसेस को वो गलत कह रहा है हम जब यह साबित कर दें कि उसका अपना ग्राउंड गलत है तो जिसको वह गलत कह रहा है ना तो अब उसको सही समझना आसान हो जाता है मैं ये नहीं कहता कि वो ऑटोमेटिक समझ सही हो जाता है उसको सही समझना आसान हो जाता है जब आपको अपनी इनकंसिस्टेंसी पता चल जाएगी तो आपको दूसरे की कंसिस्टेंसी समझना आसान होगा ठीक है इसलिए आपका इंटर गन किया गया इंटरगी नहीं कले आपसे कुछ क्वेश्चन

(18:50) किए गए

Key Takeaways:

  • “Can God create a rock He cannot lift?” ek illogical contradiction hai
  • Ye sawaal khud hi apne andar self-contradiction chhupa ke rakhta hai
  • Is objection me Category Error aur Contradictory Premises jaise fallacies hain
  • Islam Allah ko “All-Powerful” maanta hai – lekin logically impossible cheez ka talab Allah ke liye bhi irrelevant hai
  • Allah ki qudrat ka matlab hai ke wo har mumkin cheez kar sakta hai – impossible absurdities nahi

Objection: “Kya Allah aisa patthar bana sakta hai jo khud na utha sake?”

Agnostic ne classic objection uthaya:

“If God is All-Powerful, can He create a stone so heavy that He Himself cannot lift it?”

Yeh objection aksar non-believers aur skeptics uthate hain taake Allah ki qudrat (All-Powerfulness) ko challenge kiya ja sake. Iska maqsad ye dikhana hota hai ke:

  • Agar Allah aisa pathar bana sakta hai jise utha nahi sakta – to wo kamzor hai
  • Agar nahi bana sakta – to bhi wo kamzor hai

Magar yeh framing hi logically flawed hai.


Logical Breakdown: Contradiction ke Saath Sawal Puchhna

Mufti Yasir ne bataya ke yeh sawal ek contradiction par base hai:

  • Jab aap kehte hain “Allah is All-Powerful (Omnipotent)”, to aap yeh maan rahe hain ke Allah sab mumkin cheezen kar sakta hai
  • Lekin phir aap usi Allah se “incapability” demand kar rahe hain – jiska matlab hai ke aap uski qudrat ko hi contradict kar rahe hain

Yani:

“Agar koi Being All-Powerful hai, to kya wo apni All-Powerfulness ko khatam kar sakta hai?”

Yeh sawal self-contradictory hai. Isme dono assumptions ek doosre ko kaat rahe hain. Isko logical terms me Contradictory Premises Fallacy kehte hain.


Category Error: Logical Absurdity Ko Possibility Samajhna

Is objection me dusri badi ghalti hai – Category Error:

  • Aap logical absurdities (jaise square circle) ko bhi Allah ki qudrat ke under samajhne ki koshish kar rahe hain
  • Ye usi tarah hai jaise koi pooche: “Kya Allah jhoot bol sakta hai?” – jabke jhoot Allah ki sifat ke khilaaf hai

Yani:

“Agar ek shape square hai to kya wo circle bhi ho sakti hai?” – yeh sawal logical sense hi nahi banata

Isi tarah, “Can God be incapable?” bhi logical contradiction hai. Allah har mumkin cheez par qadir hai – logical impossibility uske scope me nahi aati


Misaal: Tesla Factory Example

Mufti Yasir ne ek simple misaal se samjhaya:

“Agar Tesla company gaadi banane ke liye hai, aur aap poochein: kya Tesla aisi gaadi bana sakti hai jo kabhi chalay hi na – to ye sawal unki purpose aur design ke khilaaf hai.”

Isi tarah:

  • Allah ki qudrat ka matlab hai har mumkin cheez
  • Logical contradictions (like a rock God can’t lift) na mumkin hain, aur nafr-e-aqli (mental impossibility) ke zumer me aati hain

Rebuttal: Kya Har Sawal Jawab Ka Haqdaar Hai?

Aksar log samajhte hain ke har sawal ka jawab milna chahiye. Lekin Mufti Yasir ne highlight kiya:

“Yeh sawaal bachaon wala hai, jo sirf lafzon se logical trap banata hai – asal me yeh question hi invalid hai.”

Islam me Allah ko aise attributes diye gaye hain jo consistent hain:

  • Qadir (Powerful)
  • Hakim (Wise)
  • Adil (Just)

Lekin jahan contradictions aajayein, wahan logic khud kehta hai ke yeh questions jawab ke laayak nahi hain.


Burden of Proof: Atheist Ko Daliil Deni Hogi

Debate me jab Mufti Yasir ne pucha:

“Kya aapke paas Allah ke na hone ki koi daleel hai?”

To agnostic ne kaha:

“Main to agnostic hoon, mujhe nahi pata.”

Lekin phir agnostic ne claim kiya ke “koi All-Powerful Being exist nahi kar sakti.”

Yeh contradiction hai:

  • Agar aap agnostic hain, to aapko claim nahi karna chahiye
  • Agar aap claim kar rahe hain, to daleel aap par wajib hai (burden of proof)

Ye logical principle hai: jo claim kare, daleel bhi wahi de.


Islam Ka View: Allah Ki Qudrat Limited Nahi Hai, Magar Logic Se Bala-Tar Hai

Islam ye nahi kehta ke Allah sab kuch kar sakta hai – bila shart. Islam ye kehta hai:

  • Allah har mumkin cheez par qadir hai
  • Allah be-aqal ya contradictory cheezen nahi karta (kyunke wo unki haqiqat hi nahi hoti)

Quran me Allah farmata hai:

“Allah har cheez par qadir hai.” (Surah al-Baqarah: 20)

Yani “cheez” wahi jo wujood me aa sakti ho – not logical nonsense.


Conclusion: Rock Paradox – Ek Logical Trick, Na Ke Real Objection

Agnostic ka sawal “kya Allah aisa patthar bana sakta hai jo khud na utha sake?” sirf lafzon ki bazi-gari hai. Ye objection:

  • Self-contradictory hai
  • Logical absurdity par base hai
  • Allah ki qudrat ko galat frame me samjhta hai

Islam ka jawab simple hai: Allah har mumkin cheez par qadir hai – logical nonsense uska maqsad nahi.

Jo log is objection ko strong samajhte hain, unhe logic aur fallacies ka basic dobara samajhna chahiye.


FAQs

Q: Kya “rock paradox” Allah ke All-Powerful hone ko challenge karta hai?
A: Nahi. Ye paradox ek logical trap hai, jo contradiction pe base hai – is liye Allah ki qudrat ke scope me nahi aata.

Q: Kya Allah impossible cheezein kar sakta hai?
A: Nahi. Islam ke mutabiq Allah har mumkin cheez kar sakta hai. Impossible absurdities (jaise square circle) Allah ke scope me nahi.

Q: Kya ye objection new hai?
A: Bilkul nahi. Ye centuries purana sawaal hai jo har dafa reject kiya gaya hai logical aur philosophical grounds par.

Q: Kya har sawal ka jawab dena zaruri hai?
A: Nahi. Jo sawaal khud contradictory ho, uska jawab dena zaruri nahi – uski invalidity hi uska jawab hai.


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